राजस्थान डिस्कॉम्स के चेयरमैन भास्कर ए सांवत ने बताया कि इस तकनीक से निर्मित होने वाले सब-स्टेशनों के निर्माण की उपयोगिता सघन आबादी क्षेत्रों में होती है। इन क्षेत्रों ने जगह की कमी होती है। यह सब स्टेशन आजादी के अमृत महोत्सव पर भारत सरकार की आईपीडीएस योजना के तहत पावर फाइनन्स कॉर्पोरेशन द्वारा पोषित है।
सब स्टेशन से रामगंज क्षेत्र के ऊंचा कुआ, नगीना मस्जिद, कांवटियों की पिपली, नवाब का चौराहा, बाबू का टीबा, हल्दियों का रास्ता, रामगंज से सूरजपोल अनाज मंडी तक और रामगंज चौपड़ के आसपास के क्षेत्र के उपभोक्ताओं को फायदा होगा।
जीआईएस तकनीक में यह फायदा
-कॉम्पेक्ट डिजाइन, सामान्य सब स्टेशन से 4 गुना कम जमीन की जरूरत
-सुरक्षित ऑपरेशन, स्पार्किंग की स्थिति नहीं
-बाधा रहित विद्युत सप्लाई
-विद्युत लॉस और ट्रिपिंग कम होगी
-फॉल्ट होने पर आसानी से लोड शिफ्टिंग
-सामान्य सब स्टेशन के 1 हजार वर्गमीटर जमीन की जरूरत,जबकि इसमें 400 वर्गमीटर में बन गया।