बना रहे रिटेनिंग वॉल, मलबा डाला – दिल्ली रोड पर निम्स यूनिवर्सिटी की ओर से बहाव क्षेत्र के पास रिटेनिंग वॉल बनाई जा रही है। रिटेनिंग वॉल से ठीक सटे हिस्से में मलबा डालकर आवाजाही का रास्ता तैयार कर लिया गया। जबकि, जेडीए अधिकारियों का दावा है कि यूनिवर्सिटी प्रबंधन को पैमाइश कराई गई थी, लेकिन यह काम जेडीए कर्मचारियों की मौजूदगी में नहीं हो रहा है।
दो हिस्सों में बांटा बहाव क्षेत्र – ग्राम ताला रोड पर तहसीलदार की ढाणी में दो फार्म हाउस तक पहुंचने के लिए बहाव क्षेत्र के बीच में ही 1.5 मीटर ऊंची सड़क बनाई गई है। इससे बहाव क्षेत्र दो हिस्सों में बंट गया।
नए निर्माण, धड़ल्ले से हो रहे कब्जे – राजपुरवास ताला में निर्माण शुरू कर दिया गया। कई जगह बाउण्ड्रीवाल बनाने का काम चल रहा है। यहां से रामगढ़ रोड़ की तरफ भी खातेदारी जमीन की आड़ में कब्जे किए गए हैं।
नाला खत्म, बाउंड्रीवाल तैयार – रिसोर्ट के लिए नाले को पाटकर सड़क बना देने से पानी का बहाव पूरी तरह से रुक चुका है। पहाड़ के पानी से फार्म हाऊस में कटाव रोकने के लिए एक पक्का नाला बना दिया गया है। करीब तीन किलोमीटर आगे नदी के बीच में दीवार और मकान बनाकर नाले का मुंह बंद कर दिया गया है। ताला रोड की मुख्य सड़क से ही बड़े रिसोर्ट का प्रवेश है।
पेश कर दिया झूठा शपथ पत्र – जेडीए के तत्कालीन अफसरों की ओर से कोर्ट में सौंपा गया शपथ पत्र सामने आया है। इसमें बांध के बहाव क्षेत्र से अवैध निर्माण व अतिक्रमण हटाए जाने का दावा किया गया। इसके लिए जल संसाधन विभाग की सूची को आधार बताया गया। यह पत्र मई, 2012 में पेश किया गया। जबकि, इसके बाद भी जेडीए परिधि क्षेत्र में से कई निर्माण ध्वस्त किए गए, जो उसी सूची में शामिल थे। अब भी मौके पर ऐसे ही हालात नजर आ रहे हैं।