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जयपुर

अवैद्य खनन रोकने के लिए विभागों की जिम्मेदारी तय

राज्य में अवैद्य खनन ( illegal mining ) की प्रभावी रोकथाम के लिए वन ( Forest ) , खान, राजस्व व जिला प्रशासन सहित संबंधित विभागों की जिम्मेदारी तय होगी। सरकार प्रदेश में हो रहे अवैद्य खनन के विरुद्ध सख्त कदम उठाए जाएंगे।

जयपुरJul 06, 2021 / 02:50 pm

Narendra Singh Solanki

अवैद्य खनन रोकने के लिए विभागों की जिम्मेदारी तय

अवैद्य खनन रोकने के लिए विभागों की जिम्मेदारी तय

जयपुर। राज्य में अवैद्य खनन की प्रभावी रोकथाम के लिए वन, खान, राजस्व व जिला प्रशासन सहित संबंधित विभागों की जिम्मेदारी तय होगी। सरकार प्रदेश में हो रहे अवैद्य खनन के विरुद्ध सख्त कदम उठाए जाएंगे। अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस एवं पेट्रोलियम डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि खनिजों का खनन वैद्य खनन पट्टा, लाइसेंस या परमिटधारी द्वारा ही किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त किया जाने वाला खनन कार्य अवैद्य खनन की श्रेणी में आता है। इसी तरह से वन क्षेत्र में खनन भारत सरकार की अनारक्षण स्वीकृति के बिना किया जाना गैर वानिकी गतिविधियों में आता है। अवैद्य खनन पर संबंधित विभागों को चिन्हित करते हुए कार्यवाही करने के लिए मुख्यसचिव द्वारा परिपत्र जारी कर स्पष्ट कर दिया गया है। मुख्यसचिव आर्य द्वारा जारी परिपत्र के अनुसार राज्य के वन क्षेत्रों में अवैद्य खनन रोकने की पूरी जिम्मेदारी वन विभाग की होगी और इसके लिए संबंधित वन क्षेत्र के प्रभारी अधिकारी, उपवन संरक्षक व मण्डल वन अधिकारी द्वारा अवैद्य खनन को रोकने की कार्यवाही की जाएगी। इसी तरह से गैर वन क्षेत्रों में अवैद्य खनन को रोकने की पूरी जिम्मेदारी खान विभाग की होगी। गैर वन क्षेत्र में अवैद्य खनन पर प्रभावी कार्यवाही करने और अवैद्य खनन रोकने की संपूर्ण जिम्मेदारी संबंधित क्षेत्र के खनि अभियंता व सहायक खनि अभियंता की होगी। परिपत्र में कहा गया है कि न्यायालय में प्रकरण आने पर वन क्षेत्र में अवैद्य खनन के लिए वन विभाग व गैर वन क्षेत्र के लिए माइंस विभाग के संबंधित अधिकारी द्वारा की गई कार्यवाही से संबंधित शपथ पत्र प्रभारी अधिकारी को भेजा जाएगा।
मुख्य सचिव निरंजन आर्य द्वारा जारी परिपत्र में खातेदारी भूमि और औद्योगिक क्षेत्रों में भी अवैद्य खनन की स्थिति में संबंधित विभागों को कार्यवाही के निर्देश दिए हैं। परिपत्र के अनुसार खातेदारी भूमि पर अवैद्य खनन की स्थिति में संबंधित क्षेत्र के हल्का पटवारी की जिम्मेदारी तय की गई है। हल्कापटवारी द्वारा संबंधित तहसीलदार को कार्यवाही हेतु सूचित किया जाएगा। पटवारी या खान विभाग द्वारा सूचना देने के बाद संबंधित तहसीलदार खान विभाग के नियमों में दी गई शक्तियों का उपयोग कर सकेंगे, वहीं खातेदार के खातेदारी अधिकार निरस्त करने की कार्यवाही संबंधित तहसीलदार द्वारा की जाएगा। इसी तरह से औद्योगिक या अन्य कार्यों के लिए रीको, यूआईटी या अन्य संस़्थाओं द्वारा आवंटित भूमि पर अवैद्य खनन होने पर संबंधित संस्था के प्रभारी अधिकारी द्वारा पुलिस में अवैद्य खनन के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जानी चाहिए। ऐसी भूमि पर अवैद्य खननपर संबंधित संस्था कार्यवाही नहीं कर पाती है तो इस तरह के आवंटन को जिला कलक्टर या सक्षम अधिकारी द्वारा आवंटन निरस्त करने की कार्यवाही की जाएगा।

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