इस ट्वीट को रीट्वीट किया जा रहा है। यूजर्स कमेंट कर रहे हैं। ट्विटर पर #राइटटूहेल्थसंजीवनीहै ट्रेंड कर रहा है। कुछ यूजर्स ने लिखा, ये बिल आदमी के हित में है। इसका विरोध करना गलत है। इस मामले में सरकार ठीक है। यूजर ने लिखा, इस बिल का समर्थन करना चाहिए। जिस बीमार व्यक्ति का इलाज सरकार कराए वो भी फ्री तो ये बुरा कैसे है।
उधर कुछ यूजर्स ने सरकार का विरोध किया। एक यूजर ने कहा, सरकार RTH हटा ले फिर सरकार अगर चाहे तो इमरजेंसी में मरीज द्वारा किए जाने वाले सभी खर्चो को मरीज के अकाउंट में डायरेक्ट Reimburse कर सकती है। रोगी claim करे और reimbursement ले ले। ऐसा करने वाला राजस्थान पहला राज्य होगा। लोगों को भी पता चल जाएगा सरकार सच में फ्री देना चाहती है क्या?
एक और यूजर ने लिखा, सरकार को खुद सरकारी हॉस्पिटल पर विश्वास नहीं है, जो निजी हॉस्पिटल को बाध्य कर रही हैं। जिनको फ्री इलाज चाहिए वो जाए सरकारी हॉस्पिटल में। कौन मना कर रहा है। प्राइवेट हॉस्पिटल वाले थोड़ी ना मरीज को पकड़ के बुला रहे हैं।
एक यूजर ने लिखा, Say no to RTH…it will destroy the required treatment system in private sector too…It should apply to govt hospitals only….Who will pay the salary n other expenses for running a private hospital…
एक और यूजर ने लिखा, जो लोग भी इस RTH का समर्थन कर रहे हैं, वे पहले अपने अपने व्यवसाय में भी इसी तरह का कानून लागू करने की सोचें, अगर वे भी अपने व्यवसाय में इमर्जेंसी के नाम पर मुफ्त सेवा देने को तैयार हैं तो आगे बात करें। वकील,दुकानदार,सलून,होटल,रेस्टोरेंट,किसान, क्या ये सब कुछ भी मुफ्त दे सकते है ??