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जयपुर

विरोध का हक, मगर बंद नहीं कर सकते हाईवे: सुप्रीम कोर्ट

टिप्पणी: शाहीन बाग से प्रदर्शनकारियों को हटाने की याचिका पर सुनवाई
 

जयपुरFeb 11, 2020 / 01:32 am

anoop singh

विरोध का हक, मगर बंद नहीं कर सकते हाईवे: सुप्रीम कोर्ट

विरोध का हक, मगर बंद नहीं कर सकते हाईवे: सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि लोगों को विरोध प्रदर्शन का अधिकार है, लेकिन इसके लिए अनिश्चित काल तक हाईवे बंद नहीं किया जा सकता है। जस्टिस एसके कौल और जस्टिस केएम जोसेफ की पीठ ने यह टिप्पणी संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ दिल्ली के शाहीन बाग से गुजर रहे कालिंदी कुंज रोड से प्रदर्शनकारियों को हटाने की याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान की। जस्टिस कौल ने कहा ‘एक कानून है जिसे पारित किया जा चुका है और अदालत में उसे चुनौती दी गई है। लोग उसका विरोध करना चाहते हैं, उन्हें इसका अधिकार है, लेकिन यह विरोध कई दिनों से चल रहा है। ऐसे में एक ऐसा इलाका होना चाहिए, जहां आप इस तरह के विरोध प्रदर्शन कर सकें। इस तरह से हाईवे को बंद नहीं किया जा सकता।Ó पीठ ने कहा कि विरोध प्रदर्शन जारी रह सकता है, लेकिन इसे ऐसे क्षेत्र में किया जाना चाहिए जो विरोध प्रदर्शन के लिए निर्दिष्ट है। एक सार्वजनिक क्षेत्र में अनिश्चितकालीन विरोध प्रदर्शन नहीं किया जा सकता है। यदि हर कोई हर जगह विरोध करना शुरू कर देता है, तो क्या होगा? आप लोगों को असुविधा नहीं पहुँचा सकते हैं।
फौरन हटाने का आदेश नहीं: पीठ ने प्रदर्शनकारियों को हटाने का अंतरिम आदेश देने से इनकार करते हुए केंद्र, दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी करते हुए अगली सुनवाई के लिए 17 फरवरी की तारीख तय कर दी। मामले में अधिवक्ता अमित साहनी और दूसरी भाजपा नेता नंद किशोर गर्ग ने दो अलग-अलग याचिकाएं दायर की हैं। दिल्ली विधनसभा चुनाव से पहले हुई पिछली सुनवाई में जस्टिस एसके कौल और जस्टिस के एम जोसेफ की पीठ ने कहा था, हम इस बात को समझते हैं कि वहां समस्या है और हमें देखना होगा कि इसे कैसे सुलझाया जाए।
50 से ज्यादा दिन इंतजार किया है तो कुछ दिन और कर लीजिए: कोर्ट
मामले में एक अन्य याचिकाकर्ता एवं भाजपा के पूर्व विधायक नंद किशोर गर्ग के अधिवक्ता शशांक देव सुधि ने पीठ से इस मामले में अंतरिम निर्देश देने का अनुरोध किया। पीठ ने कहा कि एक तरफा ऐसा नहीं हो सकता। अधिवक्ता महमूद प्राचा ने पीठ से कहा कि वह भीम आर्मी के मुखिया चंद्रशेखर आजाद की ओर से इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहते हैं। पीठ ने कहा, आप जो उचित समझें, करें।Ó सुनवाई के अंतिम क्षणों में जब अधिवक्ता शशांक देव सुधि ने इस मामले में कुछ निर्देश देने की मांग पर जोर देते हुए कहा कि सार्वजनिक सड़कों पर अवरोध की वजह से जनता को असुविधा हो रही है तो पीठ ने टिप्पणी की, ‘यदि आपने 50 से ज्यादा दिन इंतजार किया है तो कुछ दिन और इंतजार कर लीजिए।Ó

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