भागवत ने कहा कि जितना बड़ा सेवा कार्य कोरोना की परिस्थिति में हुआ है, उसके अनुसार लोगों की समस्याएं सुनकर उनके निराकरण के उपाय की योजना को लेकर प्रत्येक जिला स्तर पर विचार और खण्ड स्तर पर इसका क्रियान्वयन हो। जिससे संघ व समाज का एक दिशा में चलने वाला व्यूह बने। उन्होंने कहा कि संघ कार्य पर समाज का विश्वास निरंतर बढ़ रहा है। सरसंघचालक ने वरिष्ठ कार्यकर्ताओं से अनौपचारिक संवाद किया। इसके साथ ही उत्तर- पश्चिम (राजस्थान) क्षेत्र कार्यकारिणी के पदाधिकारी भी उपस्थित रहे। इस दौरान जयपुर में निवासरत संघ अखिल भारतीय पदाधिकारी भी मिलने के लिए उपस्थित थे।
संवाद के जरिए निकाला जाए समाधान शिक्षा के क्षेत्र में विशेष कार्य की आवश्यकता पर डॉ. भागवत ने कहा कि विद्यालय संचालकों, शिक्षकों, अभिभावकों एवं दानदाताओं चारों से संवाद करके समाधान निकालना चाहिए। उन्होंने युवा कार्यकर्ताओं के विकास, शाखा क्षेत्र के सामाजिक अध्ययन, व्यवसायिक स्वयंसेवकों के नियोजन, क्षेत्र संरचना, श्रमिकों एवं कृषकों की शाखा, मिलन व व्यवसाय के अनुसार उनके एकत्रिकरण एवं मुख्य मार्गों के कार्य के महत्व पर चर्चा हुई।
ये भी हुई चर्चा जयपुर प्रांत संघचालक डॉ. महेन्द्र सिंह मग्गो ने बताया कि कोरोना लॉकडाउन के दौरान स्वयंसेवकों ने समाज जीवन के विभिन्न संगठनों के साथ किए गए सेवा कार्यों पर विशेष रूप से चर्चा हुई है। कोरोना के कारण शैक्षिक संस्थान बंद होने से निजी विद्यालयों के शिक्षकों को आर्थिक परिस्थितियों से जूझना पड़ रहा है। ऐसे में उनकी समस्याओं के निदान के लिए जिला स्तर पर समिति बनाकर कार्य करने पर बातचीत हुई है। पहले दिन तीन सत्रों में बैठकें हुई, जिसमें जयपुर प्रांत के शासकीय 12 जिलों में संघ रचना के 24 जिलों के आए संगठन श्रेणी के शारीरिक, बौद्धिक, व्यवस्था प्रमुख तथा जागरण श्रेणी के सेवा, सम्पर्क व प्रचार कार्य विभाग के प्रांत स्तर के कार्यकर्ताओं से संगठनात्मक विषयों पर चर्चा की।