मिर्गी लाइलाज नहीं, उपचार से हो सकते हैं ठीक
जयपुर. पूरी दुनिया में मिर्गी से 5 करोड़ से अधिक लोग प्रभावित हैं, वहीं भारत में प्रति हजार आबादी में लगभग 6-10 लोग मिर्गी से पीडि़त हैं। यह कहना है न्यूरोसाइंस विभाग के निदेशक डॉ. अंजनी कुमार शर्मा का। डॉ. अंजनी शुक्रवार को सी.के. बिरला हॉस्पिटल में मिर्गी एवं सिरदर्द क्लीनिक के उद्घाटन पर चिकित्सकों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने बताया कि पुरानी भ्रांतियों की वजह से लोग उपचार नहीं ले पाते जिससे उनकी हालत और अधिक बिगड़ जाती है। डॉ. अंजनी ने बताया कि मिर्गी लाइलाज नहीं है, रोगी कुछ सावधानियों एवं उचित उपचार द्वारा बिल्कुल सामान्य जीवन व्यतीत कर सकता है। मिर्गी के 70 प्रतिशत रोगियों को ठीक किया जा सकता है। 30 प्रतिशत रोगियों को जीवनभर दवाएं जारी रखने या अन्य तकनीकों जैसे सर्जरी, न्यूरो स्टिमुलेशन आदि से ठीक किया जा सकता है। इस अवसर पर न्यूरोलॉजी विशेषज्ञ डॉ. कपिल खंडेलवाल ने बताया कि मिर्गी आनुवांशिक गड़बड़ी के कारण हो सकता है लेकिन 90 प्रतिशत से अधिक कारण आनुवंशिक नहीं होते हंै और सिर की चोट, स्ट्रोक और बहुत से अन्य रोगों जैसे की तपेदिक, संक्रमण और आघात से उत्पन्न होते हंै।
न्यूरोलॉजी विभाग के निदेशक डॉ. पुष्कर गुप्ता ने बताया कि सामान्य आबादी के 50 प्रतिशत लोगों को सिरदर्द किसी भी समय हो सकता है वहीं सामान्य आबादी का 3 प्रतिशत हिस्सा गंभीर सिरदर्द से पीडि़त है। माइग्रेन, तनाव, क्लस्टर सिरदर्द के मुख्य कारण है। सिरदर्द को हल्के में नहीं लेना चाहिए।
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