विभाग के अधिकारियों का कहना है कि मरीज को घर पर आइसोलेशन में रखने से पहले मरीज के लक्षणों को देखा जाता है साथ ही उसके घर पर आइसोलेशन के लिए अलग से कमरा व बाथरूम सहित गाइडलाइन के अनुसार इंतजाम है कि नहीं। होम आइसोलेशन के बाद मरीज की दिनभर की अपडेट सीएमएचओ ऑफिस को भेजनी होगी। सबसे ज्यादा जरूरी बात यह है कि मरीज के परिजनों का पढ़ा लिखा होना जरूरी है। इसके बाद ही मरीज को आइसोलेट किया जाता है।
— मरीज को घर का माहौल मिलेगा।
— मरीजों को अस्पताल नहीं जाना पड़ेगा
— मरीज को टेलीमेडिसिन की सुविधा भी मिलेगी लगातार मॉनिटरिंग
होम आइसोलेट करने के बाद मरीज के परिजनों को सख्त हिदायत दी जाती है कि दिन में तीन बार मरीज के तापमान के साथ ही पल्स ऑक्सीमीटर से ब्लड में ऑक्सीजन सेचुरेशन की मात्रा मापते रहे। सीएमएचओ ऑफिस से मरीज की रोजाना मॉनिटरिंग के साथ ही उसके पल्स ऑक्सीमीटर व ब्लड सेचुरेशन की जानकारी ली जाती है। नजदीक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का स्टाफ रोजाना मरीज के घर जाकर उसके स्वास्थ्य की जानकारी लेता है।