इसमें बड़ी संख्या में जयपुर के अलावा दूसरे जिले से सभी वर्गों के किसान शामिल हुए। पायलट सहित करीब 15 विधायक भी मौजूद थे। बड़ी बात यह रही कि सियासी संग्राम में पायलट का साथ छोड़ चुके विधायक प्रशांत बैरवा व वीरेन्द्र सिंह भी कार्यक्रम में पहुंचे।
पायलट इससे पहले दौसा और भरतपुर जिले में वे महापंचायत कर चुके हैं। लेकिन इनके मुकाबले चाकसू में बड़े नेताओं और विधायकों की ज्यादा उपस्थिति रही। इस दौरान पायलट ने केन्द्र सरकार से तीनों कृषि कानून वापस लेने, समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीद कराने के लिए कानून बनाने और पेट्रोल-डीजल की दरों में कमी के प्रस्ताव पारित कराए, जिसका सभी ने हाथ खड़े कर समर्थन किया।
मोदी को किसानों के आगे घुटने टेकने होंगे : पायलट पायलट ने कहा कि यह तीनों कानून किसान ही नहीं, गरीब, मजदूर और युवा सहित सभी को प्रभावित करेंगे। इनके विरोध में देशभर के किसान विरोध कर रहे हैं। तीन माह से दिल्ली सीमा पर किसान बैठे हैं, जिन्हें रोकने के लिए कीलें गाड़ी गई हैं। लेकिन इन कानूनों को लेकर केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार को किसानों के आगे घुटने टेकने होंगे। लोकतंत्र में जनता ही सबसे बड़ी ताकत है। महापंचायत में 36 कौम के लोग जमा हुए हैं, जो केन्द्र की तानाशाही को बर्दाश्त नहीं करेंगे।
उन्होंने कहा कि अभी राजस्थान राहुल गांधी आए थे। उत्तर प्रदेश में प्रियंका गांधी लगातार आंदोलन कर रही हैं। पायलट ने कहा कि वे भी किसान के बेटे हैं, किसान को सहानुभूति नहीं सहयोग चाहिए। किसान अपना अधिकार मांग रहा है। हम सत्ता में हों या विपक्ष में किसान के साथ खड़े रहेंगे। किसान की कोई जाति नहीं होती, लेकिन भाजपा के लोग इन्हें भी जाति के नाम पर बांटना चाहते हैं।