पिछले वर्ष के 2.40 लाख अब तक अधूरे मौजूदा वित्तीय वर्ष को छोड़ भी दें तो 2016—17 से 2019—20 तक बीते चार वर्षों में प्रदेश में कुल 11.37 लाख आवासों के लिए गरीबों को सहायता दी जानी थी। लेकिन साल पर साल बीतने के बाद भी इनमें से 2.40 लाख आवास अब तक अधूरे ही पड़े हैं।
हर परिवार को 1.20 लाख की सहायता केन्द्र में मोदी सरकार आने के बाद पूर्ववर्ती इंदिरा आवास योजना के स्थान पर प्रधानमंत्री आवास योजना—ग्रामीण शुरु की गई। लाभार्थियों के चयन के लिए सामाजिक, आर्थिक, जातिगत जनगणना को आधार बनाया गया। इसमें आवासहीन प्रत्येक परिवार को घर बनाने के लिए 1.20 लाख रुपए की सहायता दी जाती है।
प्रदेश में योजना की चाल 15.70 लाख आवास लक्ष्य मिला गत पांच वर्ष में
8.99 लाख ही अब तक हुए हैं पूरे
2.20 लाख आवास महज पिछले वित्तीय वर्ष के हैं बकाया
1638 आवास ही इस वर्ष तक अब तक हुए पूरे