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जयपुर

2.40 लाख परिवारों की वर्षों से आस अधूरी, 2.90 लाख मंजूरी में ही फंसे

– आवास योजना: पहले से लड़खड़ाई चाल, अब कोरोना से बेहाल
– इस वर्ष के लक्ष्यों के लिए कागजी स्वीकृति भी नहीं हुई पूरी

जयपुरAug 08, 2020 / 07:36 pm

Pankaj Chaturvedi

2.40 लाख परिवारों की वर्षों से आस अधूरी, 2.90 लाख मंजूरी में ही फंसे

2.40 लाख परिवारों की वर्षों से आस अधूरी, 2.90 लाख मंजूरी में ही फंसे

जयपुर. प्रदेश के गांवों में गरीबों को आवास मुहैया कराने वाली प्रधानमंत्री आवास योजना पहले ही धीमी चाल से चल रही थी कि कोरोना काल ने इसे और बेहाल कर दिया है।
सरकार के चेताने के बावजूद जिलों की लेटलतीफी ने अकेले इसी वित्तीय वर्ष में करीब 2.90 लाख परिवारों के लिए अपना घर होने का इंतजार और बढ़ा दिया है। जबकि पिछले वर्ष तक का हाल देखें तो करीब 2.40 लाख परिवार आवास स्वीकृति होने कई वर्ष बीतने के बाद भी अपने घर के लिए तरस रहे हैं।
आवास योजना में वर्ष 2020—21 के लिए केन्द्र ने मार्च में 4.32 लाख लाभार्थियों के आवास तैयार कराने का लक्ष्य राजस्थान को दिया था। सबसे पहले लाभार्थी को स्वीकृति के साथ ही पहली किश्त का पैसा दिया जाता है, लेकिन प्रदेश में इन लक्ष्यों की तुलना में बीते चार महीनों में सिर्फ 1.44 लाख ही मंजूरियां जारी हुई। इससे इन परिवारों का अगली किश्त पाने का इंतजार और बढ़ेगा।
पिछले वर्ष के 2.40 लाख अब तक अधूरे

मौजूदा वित्तीय वर्ष को छोड़ भी दें तो 2016—17 से 2019—20 तक बीते चार वर्षों में प्रदेश में कुल 11.37 लाख आवासों के लिए गरीबों को सहायता दी जानी थी। लेकिन साल पर साल बीतने के बाद भी इनमें से 2.40 लाख आवास अब तक अधूरे ही पड़े हैं।
हर परिवार को 1.20 लाख की सहायता

केन्द्र में मोदी सरकार आने के बाद पूर्ववर्ती इंदिरा आवास योजना के स्थान पर प्रधानमंत्री आवास योजना—ग्रामीण शुरु की गई। लाभार्थियों के चयन के लिए सामाजिक, आर्थिक, जातिगत जनगणना को आधार बनाया गया। इसमें आवासहीन प्रत्येक परिवार को घर बनाने के लिए 1.20 लाख रुपए की सहायता दी जाती है।
प्रदेश में योजना की चाल

15.70 लाख आवास लक्ष्य मिला गत पांच वर्ष में
8.99 लाख ही अब तक हुए हैं पूरे
2.20 लाख आवास महज पिछले वित्तीय वर्ष के हैं बकाया
1638 आवास ही इस वर्ष तक अब तक हुए पूरे

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