एसओजी के एडीजी अनिल पालीवाल ने बताया कि अनुसंधान अधिकारी एएसपी सत्यपाल मिढा ने जांच के बाद बाड़मेर निवासी प्रबंध निदेशक विक्रम सिंह को गिरफ्तार किया। अन्य पदाधिकारियों की भूमिका की जांच अभी कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि संजीवनी क्रेडिट को ऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड के खिलाफ निवेशकों से उनकी जमा पूंजी पर अधिक ब्याज व मोटे मुनाफे का लालच देकर ठगी करने का 23 अगस्त को मामला दर्ज किया गया था।
237 शाखाएं खोल 953 करोड़ की ठगी एडीजी पालीवाल ने बताया कि संजीवनी क्रेडिट को ऑपरेटिव सोसायटी ने राजस्थान में 211 शाखाओं एवं गुजरात की 26 शाखाओं सहित भारत के 2 राज्यों में 237 शाखाएं खोलीं। सोसायटी ने राजस्थान के करीब 1 लाख 46 हजार 991 निवेशकों सहित 953 करोड रुपए से अधिक निवेश राशि की ठगी की है। सोसायटी की लेखा पुस्तकों में करीब 1100 करोड़ रुपए के ऋण दर्शित किए गए हैं, उनमें अधिकांश बोगस ग्राहक हैं। ऐसे बोगस ऋणों की संख्या करीब 56 हजार है एवं औसत ऋण प्रति व्यक्ति करीब ₹200000 है एवं कुल करीब 1100 करोड़ रुपये के ऋण दर्शित किए गए हैं। उन्होंने बताया कि अनुसंधान में जिन व्यक्तियों के नाम ऋण स्वीकृत किए गए हैं उनसे अनुसंधान पर सामने आया कि उनके कूट रचित हस्ताक्षरो से जारी किए गए हैं।
बस कंडक्टर के बेटे ने खड़ी की 1000 करोड़ की सोसायटी संजीवनी क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी का चेयरमैन विक्रम सिंह बस कंडक्टर का बेटा है। विक्रम ने करीब 1000 करोड़ रुपए कीमत की संजीवनी सोसायटी को खड़ा किया। निवेशकों की रकम से जोधपुर के पॉश इलाके में एक बीघा क्षेत्र में आलीशान बंगला बना रखा है। जबकि दो करोड़ रुपए कीमत की कार में घूमता है। एसओजी के पास मामला आने के बाद चेयरमैन और अन्य पदाधिकारी भूमिगत हो गए। संजीवनी सोसायटी के जोधपुर मुख्यालय के भी ताले जड़ दिए गए हैं।