दरअसल विधानसभा कार्यवाही के दौरान नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया की ओर से व्हिप जारी होने के बाद भी पूर्व विधानसभाध्यक्ष और विधायक कैलाश मेघवाल वॉकआउट के दौरान सदन से बाहर नहीं गए थे। इसके बाद बाद विधानसभा की कार्यवाही खत्म होने के बाद ना पक्ष लॉबी में मेघवाल की प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां, कटारिया सहित कुछ विधायकों के साथ गर्मागर्मी भी हुई।
यही नहीं मेघवाल ने खुद के विधानसभाध्यक्ष रहते हुए इसी सरकार के शॉर्ट नोटिस पर बुलाए गए विधानसभा सत्र के भाजपा की ओर से विरोध नहीं करने की नाराजगी भी जाहिर की। पूनियां से मेघवाल पर व्हिप का उल्लंघन करने पर कार्रवाई के संबंध में सवाल पूछा गया तो पूनियां ने कहा कि मैंने पहले भी कहा था अैर आज भी कह रहा हूं कि अभी तक तो ट्रेलर दिखाया है, पिक्चर अभी बाकी है।
बंसल का हो चुका है निष्कासन पूनियां ने पिदले दिनों भरतपुर नगर निगम निकाय चुनाव में पार्टी विरोधी गतिविधियों एवं गंभीर अनियमितताओं के कारण पूर्व विधायक विजय बंसल, पूर्व महापौर शिवसिंह भौंट और अलवर नगर परिषद पार्षद सीताराम चौधरी को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया था। बताया जा रहा है कि हाल ही में नगर निकाय के चुनाव के बाद भरतपुर में जिस तरह से दलबदल की राजनीति का खेल चला, उसमें इन तीनों का कहीं ना कहीं हाथ रहा है।