गलता तीर्थ के पवित्र जल लेकर जहां हजारोंं की तादाद में कावड़ यात्राओं की आवाजाही इस बार शहर में नहीं दिखेगी। श्रद्धालुओं के प्रवेश पर निषेध रहेगा। चाकसू, शिवदासपुरा, बगरू, बस्सी, शाहपुरा, गोविंदगढ़ समेत आसपास के करीब पचास किलोमीटर के क्षेत्र से लाखों कांवडि़ए शिव का अभिषेक करने के लिए कांवड़ यात्रा के रूप में गलता से जल लेकर अभिषेक करते थे, लेकिन इस बार ऐसा कुछ नहीं होगा।
श्रावण मास में जलाभिषेक, दुग्धाभिषेक इस बार नहीं होगा। दूध, फल, आंक, बिल्व पत्र, धतूरा, भांग आदि भक्त अर्पित नहीं कर सकेंगे। क्वींस रोड स्थित झाडख़ंड महोदव मंदिर में मेले सा माहौल अब नजर नहीं आएगा। बब्बू सेठ मेमोरियल ट्रस्ट के अध्यक्ष जयप्रकाश सोमानी ने बताया कि भक्तों को इस बार सिर्फ दर्शन करके ही तुरंत बाहर आने के लिए अनुरोध किया जाएगा। सीमित संख्या में कुछ श्रद्धालु दर्शन कर सकेंगे। जलाभिषेक नहीं होगा, भक्त रुद्राभिषेक कर सकते हैं। ऑनलाइन वेबसाइट पर दर्शन की सुविधा है।
चौड़ा रास्ता स्थित ताड़केश्वर मंदिर में फिलहाल किसी अनुष्ठान की बुकिंग नहीं की गई। मंदिर पुजारियों के सान्निध्य में ही कार्यक्रम किए जाएंगे। सीमित संख्या में एक बार में 5 से 7 लोगों को प्रवेश दिया जाएगा। मास्क का इस्तेमाल अनिवार्य है। वहीं गेट पर सैनिटाइजेशन की व्यवस्था की गई है। वहीं कूकस स्थित सदाशिव ज्योतिर्लिंगेश्वर महादेव मंदिर में किसी भी अनुष्ठान के लिए बुकिंग नहीं हुई है। विष्णु नाटाणी ने बताया कि मंदिर में भक्त सिर्फ दर्शन कर सकेंगे, अन्य अनुष्ठान नहीं होंगे। इसी तरह चमत्कारेश्वर महादेव मंदिर, जंगलेश्वर महादेव, धूलेश्वर महादेव मंदिर में भी इस तरह अनुष्ठान कराने की कवायद की है।