इन विद्यार्थियों को केन्द्रीय योजना के तहत छात्रवृति दी जाती है। लेकिन राज्य में कोरोना संकट के चलते लॉकडाउन होने से पहली से आठवीं कक्षा के साथ ही नवीं और ग्यारहवीं कक्षा के विद्यार्थियों की परीक्षाएं आयोजित नहीं हो सकी। पूर्व मैट्रिक छात्रवृति के लिए आठवीं कक्षा के अंकों के आधार पर ही आवेदन किया जा सकता है लेकिन राज्य में पहली से आठवीं तक के विद्यार्थियों को बिना परीक्षा ही अगली कक्षा के लिए उत्तीर्ण घोषित किया गया है। जबकि पूर्व मैट्रिक छात्रवृति के लिए कम से कम 50 फीसदी अंक होने का पात्रता है। इस कारण अल्पसंख्यक विद्यार्थी छात्रवृति के लिए आवेदन नहीं कर पा रहे हैं। राजस्थान प्राथमिक माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश महामंत्री महेन्द्र पांडे ने केन्द्रीय अल्पसंख्यक विभाग के संयुक्त सचिव के साथ ही राज्य के शिक्षा मंत्री से विद्यार्थी हित में इस समस्या का समाधान करवाकर शिथिलन दिलवाने की मांग की है।