वास्तुशास्त्री के छोटे से प्रयास से संवर गया स्कूल
जयपुर . शिक्षा और स्कूल विकास को लेकर जनप्रतिनिधि घोषणाएं करते हैं, लेकिन कई बार घोषणाएं मूर्तरूप नहीं ले पातीं और स्कूल विकास की बाट जोहते रहते हैं। जयपुर शहर के सबसे नजदीक झोटवाड़ा स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, नांगल जैसा बोरहा भी दुर्दशा से जूझ रहा था। स्कूल भवन की दीवारों से पलास्टर उखड़ रहा था तो शौचालय गंदगी से अटे पड़े थे। इस बीच वास्तु परामर्श एवं अनुसंधान केंद्र के अध्यक्ष वास्तु शास्त्री एस के मेहता स्कूल में अपना जन्मदिन मनाने पहुंचे। स्कूल भवन की दुर्दशा उन्होंने देखी तो वे बड़े व्यथित हुए और स्कूल का कायापलट करने का निर्णय ले लिया। मेहता के प्रयासों से आज स्कूल का वातावरण ही बदल गया है।
वास्तुशास्त्री के छोटे से प्रयास से संवर गया स्कूल
मेहता बताते हैं कि जब वे स्कूल के बच्चों के बीच अपना जन्मदिन मनाने पहुंचे तो स्कूल के शिक्षकों ने उन्हें स्कूल की बदहाली के बारे में बताया। स्कूल की वाइस प्रिंसिपल सरला पारिख आदि अध्यापकों ने बताया कि स्कूल में 220 विद्यार्थी और 12 शिक्षक हैं। हर साल 26 जनवरी और 15 अगस्त को ध्वजारोहण के समय जनप्रतिनिधि यहां आते हैं और बड़ी-बड़ी घोषणाएं करते हैं। लेकिन पिछले 15 वर्षों में यहां कोई विकास नहीं हुआ। स्कूल भवन में रंग-रोगन नहीं किया गया। बारिश के दिनों में स्कूल प्रांगण में पानी भर जाता है, जो कई दिनों तक नहीं सूखता। यह सुनकर मेहता ने बिना किसी की मदद के खुद ही स्कूल की दशा सुधारने का निर्णय किया। उन्होंने एक ठेकेदार को फोन कर बुलाया और स्कूल भवन में रंग रोगन, खिड़की-दरवाजों पर पेंट कराने व स्कूल का नाम और सूचना बोर्डों को दुबारा से लिखवाने की कह दिया। रंग-रोगन होने से स्कूल की रौनक लौट चुकी है। स्कूल मैदान में बारिश का पानी नहीं भरे इसके लिए स्कूल में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम भी बनाया जा रहा है। इसके अलावा शौचालयों को भी सही कराया जा रहा है।
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