स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि मौसमी बीमारियों से लड़ने के लिए हम पूरी तरह तैयार है। सीएमएचओं प्रथम डॉ. नरोत्तम शर्मा ने बताया कि राज्य में चल रहें विभिन्न स्वास्थ्य प्रोग्राम का एक्शन फ्लान बना लिया है। खासकर डेंगू व मलेरिया की रोकथाम की तैयारी शुरू कर दी है। विभाग ने कोविड-19 के इस दौर में लोगों से मौसमी बीमारियों को लेकर सचेत रहने के लिए अलर्ट किया है।
कहने को तो स्वाइन फ्लू को सर्दी की बीमारी कहा जाता है, लेकिन यह बीमारी अब वर्षभर देखने को मिलती है। आंकड़ों पर जाए तो इस वर्ष जनवरी से अब तक प्रदेश में स्वाइन फ्लू की 4 हजार 589 जांचें हुई हैं। इनमें से 116 मामले स्वाइन फ्लू के पॉजिटिव आए तथा अलवर में एक व्यक्ति की इस बीमारी से मौत हुई। स्वाइन फ्लू के जयपुर में सबसे ज्यादा 2209 जांचें हुई जिनमें से 71 लोग स्वाइन फ्लू पॉजिटिव आए।
जनवरी से अब तक डेंगू के 328 मरीज सामने आए है। यह बीमारी मच्छरों से होती है और बरसात के मौसम में ज्यादा फैलती है। हालांकि इस वर्ष अभी तक डेंगू से कोई मौत दर्ज नहीं हुई है। अब बरसात का मौसम शुरू हो गया है। ऐसे में कोरोना के साथ—साथ इस बीमारी को लेकर भी सतर्कता बरतनी होगी।
प्रदेश के अस्पतालों में मलेरिया के मरीज आना शुरू हो गए हैं। बरसात के मौसम में मच्छर ज्यादा होते हैं। इसका मुख्य कारण जगह—जगह पानी का भर जाना होता है। अस्पताल में आने वाले रोगियों को डॉक्टरों की ओर से इन मौसमी बीमारियों से बचने के तरीके भी बताए जा रहे हैं।
इन दिनों चिकनगुनिया नाम की बीमारी भी काफी होती है। पिछले कुछ वर्षों से यह बीमारी काफी फैल रही है। जनवरी से अब तक चिकनगुनिया के 153 मामले सामने आ चुके हैं, इनमें से सबसे ज्यादा जयपुर में 59 केस सामने आए।