10 हजार नए पद स्वीकृत करने की आवश्यकता है डॉक्टरों के, प्रदेश में लगातार बढ़ रहा है मरीजों का दबाव जबकि स्थिति यह है कि स्वीकृत पदों की तुलना में भी 2-3 हजार डॉक्टरों की कमी है
जयपुर•Sep 17, 2017 / 05:41 pm•
Vijay ram
जयपुर. संसाधनों व स्टाफ की कमी के कारण प्रदेश में करीब 3 हजार प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र खुद ही बीमार हो रहे हैं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन और अन्य मदों में हर साल करीब 2 हजार करोड़ के खर्च वाले स्वास्थ्य विभाग के इन अस्पतालों की जमीनी हकीकत मरीजों को राहत देने की बजाय पीड़ा बढ़ा ही रही है।
Patrika.com ने अपने अभियान #Sehatsudharosarkar के तहत पड़ताल की तो स्वाइन फ्लू, डेंगू और अन्य मौसमी बीमारियों के कहर के बावजूद चिकित्सा-स्वास्थ्य विभाग बेफिक्र ही नजर आया। अस्
Home / Jaipur / #Sehatsudharosarkar : डिस्पेंसरियां हैं लाचार, कहां जाएं बीमार? क्यों स्वाइन फ्लू और डेंगू के कहर के बावजूद सरकार सुस्त