-कहा, भाजपा ने तोड़ा लोकतांत्रिक, जातिय व सामाजिक ताना-बाना -मोदी मंत्रिमंडल के तीन-चार मंत्रियों को ही जानती जनता जयपुर। मुख्यमंत्री ( Chief Minister ) अशोक गहलोत ( Ashok Gehlot ) ने गुरुवार को केंद्रीय गृहमंत्री ( Home Minister ) अमित शाह ( Amit Shah ) के बयान पर पलटवार ( Counterattack) करते हुए कहा कि भाजपा में मोदी और शाह के आगे कोई नहीं है। भाजपा ने छह साल के शासन में देश के लोकतांत्रिक, जातीय और सामाजिक ताने-बाने को तोड़ दिया है। मुख्यमंत्री गहलोत ने भी सोशल मीडिया के जरिए कहा कि क्या हम जानते हैं कि भाजपा में मोदी-शाह से आगे कोई नहीं है? यह चौंकाने वाला है कि तीन-चार मंत्रियों के अलावा जनता को यह भी नहीं पता है कि मोदी के मंत्रिमंडल में सभी कौन हैं।
-आडवाणी ने कहा था…फिर हो सकता आपातकाल मोदी के साथ ( Including Modi ) शाह ने भाजपा को हाईजैक ( BJP Hijacked ) कर लिया है, अन्य नेताओं के लिए कोई राहत नहीं है। ( Jaipur News ) इसलिए वे कांग्रेस कांग्रेस पार्टी और सीडब्ल्यूसी के लोकतांत्रिक मूल्यों पर सवाल उठाने के लायक नहीं हैं। गहलोत ने कहा कि जैसा कि आडवाणी ने एक बार 2015 में कहा था कि जो ताकतें लोकतंत्र को कुचल सकती हैं, वे मजबूत हैं … मुझे विश्वास नहीं है कि यह (आपातकाल) फिर से हो सकता है।
-कांग्रेस से भयभीत…असुरक्षा की भावना -मोदी और शाह सभी विपक्षी दलों में से केवल कांग्रेस के बारे में चिंतित हैं। उनकी असुरक्षा और भय स्पष्ट है क्योंकि शाह सहित सभी जानते हैं कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी के नेतृत्व में वर्तमान शासन के अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाने का साहस और शक्ति है।
-यह किसी से छिपा नहीं है कि पिछले तीन दशकों से गांधी परिवार के किसी भी व्यक्ति ने सत्ता की कोई भी स्थिति नहीं संभाली है।
-यह किसी से छिपा नहीं है कि पिछले तीन दशकों से गांधी परिवार के किसी भी व्यक्ति ने सत्ता की कोई भी स्थिति नहीं संभाली है।
-उन्होंने हमेशा मेरे जैसे कांग्रेस पार्टी के कैडर और जमीनी कार्यकर्ता को प्रोत्साहित और सशक्त किया है। -राजीव गांधी ने पंचायतीराज मजबूत किया और 18 वर्ष की आयु में युवाओं के लिए मताधिकार का अधिकार दिया।
………………………………………. -ये कहा था अमित शाह ने… केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आपातकाल की 45वीं वर्षगांठ पर गुरुवार को कहा कि सत्ता के लोभ में एक परिवार ने देश में आपातकाल लागू किया था। रातों रात देश को जेल में बदल दिया गया। प्रेस, अदालतें, मुक्त भाषण … सबकी आवाज को कुचल दिया गया। गरीबों और दलितों पर अत्याचार किए गए। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 45 साल पहले 25 जून 1975 को देश में आपातकाल लगाया था।