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विरोध प्रदर्शन चलता रहा, दिनभर खुले रहे बाजार

locationसूरतPublished: Apr 10, 2018 08:59:22 pm

सूरत में सोमवार को दलित संगठनों के भारत बंद का ऐलान बेअसर रहा। कुछ इलाकों में दलितों ने विरोध प्रदर्शन कर प्रतिष्ठान बंद कराने का प्रयास किया।

Protests continue, markets open throughout the day

Protests continue, markets open throughout the day

सूरत।सूरत में सोमवार को दलित संगठनों के भारत बंद का ऐलान बेअसर रहा। कुछ इलाकों में दलितों ने विरोध प्रदर्शन कर प्रतिष्ठान बंद कराने का प्रयास किया। राजमार्ग पर दलित समाज के लोगों ने गुलाब का फूल देकर व्यापारियों से समर्थन मांगा तो कपड़ा बाजार में जबरन दुकानें बंद कराने का प्रयास किया गया। विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने 70 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया, जिन्हें बाद में छोड़ दिया गया।

सोमवार सुबह बड़ी संख्या में दलित समुदाय के लोग भागल चौराहे और रिंगरोड मान दरवाजे पर अंबेडकर प्रतिमा के पास जमा हुए। उन्होंने नारेबाजी कर विरोध प्रदर्शन किया। भागल चौराहे पर लोगों ने राजमार्ग के व्यापारियों को गुलाब का फूल देकर बंद का समर्थन करने को कहा, जिससे व्यापारियों ने प्रतिष्ठान बंद कर दिए। इसके बाद यहां से कलक्टर कार्यालय तक रैली निकालकर ज्ञापन सौंपा गया। रिंगरोड पर जमा भीड़ ने दोपहर कपड़ा मार्केट की दुकानें जबरन बंद कराने का प्रयास किया।

पुलिस ने उन्हें ऐसा करने से रोका और 15 से अधिक लोगों को हिरासत में ले लिया। अमरोली क्षेत्र में सुबह दलित समुदाय के लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। यहां भी जबरन बाजार बंद कराने का प्रयास किया गया। पांडेसरा, उधना और लिंबायत क्षेत्र में भी दलितों ने विरोध जताया। विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने सभी जगह से 70 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया। बाद में इन्हें मुक्त कर दिया गया। शहर में बंद का खास असर देखने को नहीं मिला।

सुबह से मुस्तैद रही पुलिस

भारत बंद के ऐलान को लेकर शहर पुलिस आयुक्त की ओर से कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सुबह ही रिंगरोड मान दरवाजा पर अंबेडकर प्रतिमा के पास और राजमार्ग पर पुलिस बल तैनात कर दिया गया था। कलक्टर कार्यालय और पुलिस आयुक्त कार्यालय पर भी पुलिस बल तैनात किया गया। दलित बाहुल क्षेत्रों में भी पुलिस तैनात रही। रविवार शाम पुलिस आयुक्त ने प्रेसवार्ता में लोगों से किसी तरह की अफवाह पर ध्यान नहीं देने और शांति बनाए रखने की अपील की थी।

ट्रेनों पर कोई असर नहीं

दलित संगठनों के भारत बंद के ऐलान के मद्देनजर रेल स्टेशनों पर सुरक्षा बढ़ा दी गई थी। वड़ोदरा स्टेशन पर लोगों ने यार्ड में खड़ी दो मालगाडिय़ों पर चढक़र विरोध प्रदर्शन किया। उत्राण स्टेशन पर दस से अधिक जवानों को तैनात किया गया। पश्चिम रेलवे ने भारत बंद के ऐलान को लेकर स्टेशनों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए थे। मुम्बई रेल मंडल में बंद का कोई असर देखने को नहीं मिला। सूत्रों ने बताया कि वड़ोदरा स्टेशन पर दलित समाज के लोग प्लेटफॉर्म संख्या सात के नजदीक यार्ड में पहुंच गए।

उन्होंने वहां खड़ी दो मालगाडिय़ों पर चढक़र नारेबाजी की। रेलवे पुलिस के अधीक्षक शरद सिंघल और रेलवे सुरक्षा बल के एएससी संजय पीसे जवानों के साथ मौके पर पहुंच गए तथा प्रदर्शन कर रहे लोगों को वहां से हटा दिया। उत्राण स्टेशन पर अंकलेश्वर रेलवे सुरक्षा बल निरीक्षक संजय पांडेय, एक पीएसआई और सात जवानों को तैनात किया गया था। उत्राण स्टेशन पर विरोध प्रदर्शन की कोई घटना नहीं हुई।

स्कूलों पर मिला-जुला असर

भारत बंद का शहर की स्कूलों पर मिला-जुला असर नजर आया। सोमवार को सीबीएसई स्कूलों में नए शैक्षणिक सत्र का आगाज हुआ। भारत बंद के एलान के कारण कई अभिभावकों ने बच्चों को स्कूल नहीं भेजा। गुजरात बोर्ड की परीक्षाओं पर बंद का कोई असर नहीं पड़ा। कई स्कूलों को स्वेच्छा से बंद रखा गया तो कई स्कूल खुले रहे।

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