हर्षा ने कई लड़ाई भी लड़ीं, जो सामाजिक स्तर की थीं, लेकिन हौसले को कुरीतियां रोक नहीं पाईं। यही वजह है कि आज यह अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी राजधानी के साथ-साथ प्रदेश की महिलाओं के लिए भी आदर्श बन गई है। हर्षा छत्तीसगढ़ की एक आइकन फेस हैं। यूथ की प्रेरणास्रोत हर्षा कोविड के दौरान भी पीछे नहीं रहीं तब उन्होंने हेल्थ वर्कर्स को सेल्फ डिफेंस सिखाया जो लगातार काम कर रही थी।