सीएम अशोक गहलोत ने ट्वीट किया कि शूटिंग में इंडिया के लिए यह बड़ा दिन है। आइएसएसएफ विश्वकप में ऐलावेनिल वलारिवान ने महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा दूसरा स्वर्ण पदक जीता और दिव्यांश ने पुरुषों की 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता। यह बड़ी उपलब्धी है, दोनों को बधाई।
दिव्यांश ने और कड़ी मेहनत शुरू कर दी अशोक सिंह पंवार ने बताया कि ओलंपिक कोटा हासिल करने के बाद दिव्यांश ने और कड़ी मेहनत शुरू कर दी। फिलहाल वह दिल्ली स्थित करणीसिंह स्टेडियम में अपने कोच दीपक कुमार दुबे से निशानेबाजी के गुर सीख रहे हैं। 17 वर्ष की छोटी सी उम्र में दिव्यांश ने अनेक कीर्तिमान स्थापित किए हैं। दिव्यांश 12 वर्ष की उम्र से ही निशानेबाजी में उतर गए थे। उन्होंने निशानेबाजी में शुरुआती गुर कुलदीप शर्मा से सीखे।
बचपन में ही निशानेबाज बनने की ठानी राज्य और देश का नाम रोशन करने वाले इस होनहार दिव्यांश सिंह पंवार का बचपन से निशानेबाजी से लगाव था। वह घंटों इसका अभ्यास करता रहता था। यह कहना है दिव्यांश के पिता डा. अशोक पंवार का। पत्रिका से बातचीत में पंवार ने बताया कि दिव्यांश माहेश्वरी पब्लिक स्कूल में कक्षा 12वीं कक्षा में अध्ययनरत हैं। एमपीएस ने उसके निशानेबाजी प्रतिभा को पहचाना और उसे रेंज उपलब्ध कराई। वर्तमान में वह दिल्ली स्थित करणीसिंह रेंज में अभ्यास कर रहे हैं।
पहला पदक सातवीं कक्षा में जीता पंवार ने बताया कि दिव्यांश ने पहला पदक सातवीं कक्षा में जीता था। तभी से सभी को लगने लगा था कि दिव्यांश भविष्य में राज्य और देश का नाम रौशन कर सकता है। पूरे परिवार की ओर से प्रोत्साहित किया गया। दिव्यांश के पिता जयपुर के ही सवाई मानसिंह अस्पताल में कार्यरत हैं। दिव्यांश की बड़ी बहन अंजलि और माताजी निर्मला देवी ने भी उनकी हौसलाअफजाई में कसर नहीं छोड़ी।
पंवार के 2019 में जीते पदक आईएसएसएफ विश्व कप
वर्ष देश पदक
2019 बीजिंग रजत
2019 बीजिंग स्वर्ण
2019 म्यूनिख गोल्ड
2019 रियो द जनेरो गोल्ड