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जयपुर

श्राद्ध पक्ष और नवरात्र के बीच इसबार आश्विन अधिकमास

इस बार श्राद्ध पक्ष (Shraddha Paksha) और नवरात्र के बीच आश्विन अधिकमास आ रहा है। ऐसे में 19 साल बाद श्राद्ध पक्ष और शारदीय नवरात्र (Shardiya Navratri) में एक माह का अंतर रहेगा। इस बार श्राद्ध पक्ष 2 सितंबर से शुरू होंगे, जो 17 सितंबर तक रहेंगे। इसके बाद 18 सितंबर से 16 अक्टूबर तक आश्विन अधिकमास (Ashwin adhikamas) रहेगा। इसके ठीक बाद 17 अक्टूबर से शारदीय नवरात्र शुरू होंगे। इससे पहले साल 2001 में आश्विन अधिकमास आया था।

जयपुरAug 29, 2020 / 09:31 pm

Girraj Sharma

श्राद्ध पक्ष और नवरात्र के बीच इसबार आश्विन अधिकमास

श्राद्ध पक्ष और नवरात्र के बीच इसबार आश्विन अधिकमास

19 साल बाद श्राद्ध पक्ष और शारदीय नवरात्र में एक माह का अंतर
— श्राद्ध पक्ष और नवरात्र के बीच इसबार आश्विन अधिकमास
— श्राद्ध पक्ष आश्विन कृष्ण प्रतिपदा पर दो सितंबर से शुरू

जयपुर। इस बार श्राद्ध पक्ष (Shraddha Paksha) और नवरात्र के बीच आश्विन अधिकमास आ रहा है। ऐसे में 19 साल बाद श्राद्ध पक्ष और शारदीय नवरात्र (Shardiya Navratri) में एक माह का अंतर रहेगा। इस बार श्राद्ध पक्ष 2 सितंबर से शुरू होंगे, जो 17 सितंबर तक रहेंगे। इसके बाद 18 सितंबर से 16 अक्टूबर तक आश्विन अधिकमास रहेगा। अधिकमास को पुरुषोत्तम मास भी कहा जाता है। इसके ठीक बाद 17 अक्टूबर से शारदीय नवरात्र शुरू होंगे। इससे पहले साल 2001 में आश्विन अधिकमास आया था। यानी 19 साल बाद आश्विन अधिकमास आएगा। ऐसे में पितृ तर्पण और देवी आराधना के बीच एक माह का अंतर रहेगा।
शास्त्रों के अनुसार अधिकमास में व्रत—पर्व स्थगित होते हैं। ऐसे में शारदीय नवरात्र श्राद्ध पक्ष के एक माह बाद शुरू होंगे। इस बार दीपावली 14 नवम्बर को आएगी। वहीं दशहरा 25 अक्टूबर को आएगा। ज्योतिषाचार्य डॉ. रवि शर्मा ने बताया कि 19 साल बाद इस बार आश्विन अधिकमास आएगा। इससे नवरात्र और श्राद्ध पक्ष में एक माह का अंतर रहेगा। इससे पहले साल 2001 में आश्विन अधिकमास आया था। ऐसे में इस साल श्राद्ध समाप्ति के अगले दिन नवरात्रि का पावन पर्व शुरू नहीं होगा, बल्कि एक महीने बाद शुरू होगा।
उन्होंने बताया कि अपराह्न व्यापनी तिथि में ही श्राद्ध मनाए जाते है। अपराह्न काल दोपहर एक बजकर 38 मिनट से शाम 4 बजकर 05 मिनट तक रहता है। जिस तिथि का अधिक समय अपराह्न काल में होता है, उसी दिन उस तिथि का श्राद्ध निकाला जाता है। इस बार श्राद्ध पक्ष में 4 सितंबर को कोई श्राद्ध नहीं रहेगा। 2 सितंबर को प्रतिपदा का श्राद्ध निकाला जाएगा। वहीं 3 सितंबर को दोज का श्राद्ध निकाला जाएगा। 3 सितंबर को 12 बजकर 27 मिनट पर दोज आ जाएगी, इस दिन अपराह्न काल पूरा रहेगा। 4 सितंबर को 2 बजकर 24 मिनट तक ही दोज रहेगी।
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किस दिन कौनसा श्राद्ध
दिन — तिथि श्राद्ध
1 सितंबर — पूर्णिमा का श्राद्ध
2 सितंबर — प्रतिपदा का श्राद्ध, पितृ पक्ष प्रारम्भ
3 सितंबर — द्वितीया का श्राद्ध
5 सितंबर — तृतीया का श्राद्ध
6 सितंबर — चतुर्थी का श्राद्ध
7 सितंबर — पंचमी का श्राद्ध, भरणी नक्षत्र का श्राद्ध
8 सितंबर — षष्ठी का श्राद्ध, कृत्तिका नक्षत्र का श्राद्ध
9 सितंबर — सप्तमी का श्राद्ध
10 सितंबर — अष्टमी का श्राद्ध
11 सितंबर — नवमी का श्राद्ध
12 सितंबर — दशमी का श्राद्ध
13 सितंबर — एकादशी का श्राद्ध
14 सितंबर — द्वादशी का श्राद्ध, संन्यासियों का श्राद्ध
15 सितंबर — त्रयोदशी का श्राद्ध, मघा नक्षत्र का श्राद्ध
16 सितंबर — चतुर्दशी का श्राद्ध
17 सितंबर — सर्वपितृ श्राद्ध

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