जयपुर

Shradh 2018- श्राद्ध पक्ष कल से, तर्पण से पितरों को करेंगे प्रसन्न

पितृों का तर्पण किए जाने वाले श्राद्ध पक्ष (पितृपक्ष) की शुरुआत इस बार सोमवार को पूर्णिमा के श्राद्ध से होगी। सर्वपितृ अमावस्या 8 अक्टूबर को होगी।

जयपुरSep 23, 2018 / 11:47 am

santosh

जयपुर। पितृों का तर्पण किए जाने वाले श्राद्ध पक्ष (पितृपक्ष) की शुरुआत इस बार सोमवार को पूर्णिमा के श्राद्ध से होगी। ऐसी मान्यता है कि भाद्रपद की पूर्णिमा से अश्विन अमावस्या तक चलने वाले पितृपक्ष में श्राद्ध कर्म और तर्पण करने से पितरों को शांति और मुक्ति मिलेगी। वहीं, सर्वपितृ अमावस्या 8 अक्टूबर को होगी। ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक सात अक्टूबर को अपरान्ह काल में दोपहर 1.25 से 3.44 बजे तक तेरस और चतुर्दशी तिथियां विद्यमान रहेंगी।
 

सर्वपितृमोक्ष अमावस्या पर सभी पितरों का श्राद्ध
ऐसे परिजन जिनकी मृत्यु की तारीख (तिथि) पता नहीं हो तो उनका पितृपक्ष की विशेष तिथियों में श्राद्धकर्म किया जाता है। किसी परिजन की अल्पायु में मृत्यु हुई हो तो उसका पंचम तिथि और नवमी तिथि पर श्राद्ध करने से कुल की सभी दिवगंत महिलाओं का श्राद्ध हो जाता है। अकाल मृत्यु वाले परिजन का श्राद्ध पक्ष की चतुर्दशी को व सर्वपितृमोक्ष अमावस्या पर श्राद्ध किए जाने से सभी पितरों का श्राद्ध हो जाता है।
 

तिथि अनुसार श्राद्ध कर्म
24 सितंबर : पूर्णिमा का श्राद्ध
25 सितंबर : प्रतिपदा का श्राद्ध
26 सितंबर : द्वितीया का श्राद्ध
27 सितंबर : तृतीया का श्राद्ध
28 सितंबर : चतुर्थी का श्राद्ध
29 सितंबर : पंचमी का श्राद्ध
30 सितंबर : षष्ठी का श्राद्ध
1 अक्टूबर : सप्तमी का श्राद्ध
2 अक्टूबर : अष्टमी का श्राद्ध
3 अक्टूबर : नवमी का श्राद्ध
4 अक्टूबर : दशमी का श्राद्ध
5 अक्टूबर : एकादशी का श्राद्ध
6 अक्टूबर : द्वादशी का श्राद्ध
7 अक्टूबर : त्रयोदशी व चतुर्दशी का श्राद्ध
8 अक्टूबर : सर्वपितृ अमावस्या
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