एसओजी की ओर से कोर्ट में आरोपियों से कहा गया कि पैसों के लेनदेन समेत आगे की पूछताछ के लिए आरोपियों को 12 दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा जाए। बचाव पक्ष के वकीलों ने इसका विरोध करते हुए कहा कि एसओजी को हर आरोपी की रिमांड मांगते समय कारण बताना चाहिए। एसओजी नियमों की अनदेखी कर रही है। सभी आरोपियों की 12 दिन की रिमांड मांगी गई है। इसके अलावा गिरफ्तारी से पहले उन्हें सीआरपीसी की धारा 41ए के तहत नोटिस भी नहीं दिया गया।
सुनवाई के दौरान कोर्ट के पूछने पर महिला अभ्यर्थी समेत कुछ अन्य आरोपियों ने एसओजी पर उत्पीड़न का आरोप लगाया है। आरोपियों की ओर से कहा गया कि अधिकारियों ने उनसे पूछताछ करने से पहले उनकी पिटाई की। इसके अलावा उन्हें न तो समय पर खाना-पानी दिया जा रहा है और न ही सोने दिया जा रहा है। उन्हें मानसिक रूप से भी प्रताड़ित किया जा रहा है। आरोपियों ने कहा कि एसओजी के पास हमारे खिलाफ कोई सबूत नहीं है। उन्होंने कहा कि 2 अप्रैल को पूछताछ के बहाने बुलाया गया और फिर अवैध हिरासत में रखा गया और 4 अप्रैल को कोर्ट में पेश किया गया।