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जयपुर

घर बैठे भी खुलता है ‘खाता’ नहीं जानती है ‘ये पब्लिक’

—प्रचार के अभाव में घर—घर तक नहीं पहुंच रही ‘खाता खोलो’ योजना

जयपुरJun 05, 2018 / 11:36 am

Teena Bairagi

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घर बैठे भी खुलता है ‘खाता’ नहीं जानती है ‘ये पब्लिक’

घर बैठे भी खुलता है ‘खाता’ नहीं जानती है ‘ये पब्लिक’
—आमजन 50 रुपए देकर खाता खुलवाने की सुविधा से हो रहा वंचित
—विभाग ने रोया स्टाफ की कमी का रोना
—जबकि जिम्मेदारों ने बताया इसे अतिरिक्त काम
—योजना के ठप्प हो जाने के डर से विभाग ने लिया अभियान शुरु करने का निर्णय
जयपुर
टीना बैरागी शर्मा
पीएम मोदी का ‘मिशन डिजिटल इंडिया’ महज प्रचार—प्रसार के अभाव में आमजन तक नहीं पहुंच पा रहा है। आलम ये है कि ऐसी योजनाएं भी लगभग ठप्प सी हो रही है जो सीधे तौर पर आमजन की सुविधाओं से जुड़ी हुई है। इसकी एक बानगी डाकघर की ‘खाता खुलवाओ’ योजना में देखी जा सकती है। योजना की शुरुआत सरकार ने ये सोचकर की थी कि आम व्यक्ति का बिना चक्कर काटे हुए घर बैठे ही बचत खाता खुल सके। लेकिन डाक विभाग इस योजना को घर—घर तक उस मकसद के साथ नहीं पहुंचा पाया जैसा कि पीएम मोदी ने सोचा है। हालांकि इसकी वजह डाक विभाग ने स्टाफ की कमी होना बताया है।
लेकिन पूरे राजस्थान परिमंडल पर नजर डालें तो 8 हजार 900 शाखा डाकघर और 1335 विभागीय डाकघर पर 24 हजार डाककर्मियों का स्टाफ है। ऐसे में सवाल ये उठता है कि क्या वाकई में स्टाफ की कमी इस योजना के ठप्प होने की असली वजह है या फिर पोस्टमैन अतिरिक्त कार्य समझकर इसके प्रचार से बच रहे है?
इस पूरे मामले पर विभाग की मानें तो योजना के तहत पोस्टमैन, ग्रामीण डाक सेवक और जनसंपर्क निरीक्षक को घर—घर जाकर इसके बारे में प्रचार करने और 50 रुपए लेकर बचत खाता खोलने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। यदि प्रतिदिन खाता खुलने के आंकड़े पर नजर डालें तो तकरीबन 2 से 5 खाते खुल रहे है। लेकिन पोस्टमैन व डाक सेवक इसे अतिरिक्त काम बताते हुए अलग से स्टाफ रखने की मांग कर रहे है। हालात ये हो गए है कि विभाग ने इस योजना के ठप्प हो जाने के डर से अब एक अभियान शुरु करने का निर्णय लिया है। इस संबंध में सभी डाकघरों को रिमाइंडर भेजा है।
फैक्ट फाइल—
पूरे प्रदेश में है— 1335 विभागीय डाकघर इसमें से 47 प्रधान डाकघर हैं
वहीं 8 हजार 900 शाखा डाकघर हैं
इन डाकघरों में 24 हजार डाककर्मी हैं
इसमें से 13 हजार ग्रामीण डाक सेवक काम कर रहे हैं
जबकि राजधानी जयपुर की बात करें तो—
80 डाकघर हैं इसमें 3 प्रधान डाकघर हैं
और 15 शाखा डाकघर शामिल है।
ये है ‘खाता खोलने’ की योजना—
योजना के तहत आधार कार्ड नंबर के माध्यम से केवल ५० रुपए में घर बैठे ही बचत खाता खोला जा सकेगा। इसका मकसद है अधिक से अधिक लोगों का डाकघर में खाता खुलवाना वो भी बिना डाकघर आए हुए। इसके लिए विभाग ने पोस्टमैन को हैंड हेल्ड डिवाइस दी है। इस डिवाइस से खाता खुलने के साथ ही पास बुक अपडेट होना, मनीऑर्डर करने वाले व्यक्ति की राशि तुरंत संबंधित शाखा में पंहुचने, राशि ट्रांसफर हो रही है। जिन स्थानों पर एटीएम नहीं है वहां के लोगों को केवल ५० रुपए में डिवाइस के जरिए एटीएम की सुविधा भी बिना किसी एक्सट्रा चार्ज के उपलब्ध हो रही है।
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इनका कहना है—
—योजना के बारे में अपडेट जानकारी क्या है। पता करवाता हूं।
दुष्यंत मुद्गल, निदेशक
डाक सेवक
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—योजना अच्छी है लेकिन एक डाक सेवक को तीन से चार काम दे रखे है। ऐसे में घर—घर जाकर बचत खाता खोलने का वक्त ही नहीं है।
मालीराम स्वामी, डाक सेवक व परिमंडल सचिव
अखिल भारतीय ग्रामीण डाक सेवक संघ

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