ऐसे हुई थी शुरुआत
जानकारी के मुताबिक आरएसएलडीसी और कॉलेज शिक्षा आयुक्तालय से मिलकर 2019 में मुख्यमंत्री युवा कौशल योजना का आगाज किया था। योजना के पहले चरण में सरकारी कॉलेजों में पढ़ रहे यूजी और पीजी के सैकेंड और थर्ड ईयर के स्टूडेंट्स को स्किल डवलपमेंट से जुड़े विभिन्न विषयों का प्रशिक्षण दिया गया था। इस दौराप योजना में कुल 45 कोर्स शामिल किए गए थे और राज्य में100 से अधिक कॉलेजों में इस योजना को चलाया गया।
जानकारी के मुताबिक आरएसएलडीसी और कॉलेज शिक्षा आयुक्तालय से मिलकर 2019 में मुख्यमंत्री युवा कौशल योजना का आगाज किया था। योजना के पहले चरण में सरकारी कॉलेजों में पढ़ रहे यूजी और पीजी के सैकेंड और थर्ड ईयर के स्टूडेंट्स को स्किल डवलपमेंट से जुड़े विभिन्न विषयों का प्रशिक्षण दिया गया था। इस दौराप योजना में कुल 45 कोर्स शामिल किए गए थे और राज्य में100 से अधिक कॉलेजों में इस योजना को चलाया गया।
कोविड को देखते हुए ऑनलाइन क्लास
कोविड संकट को देखते हुए आरएसएलडीसी ने दिसंबर 2020 में इसके दूसरे चरण को लॉन्च किया। योजना के तहत मार्च 2021 में स्किल डवपलमेंट की ऑनलाइन क्लास शुरू की गई। युवाओं का रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन किया गया।
कोविड संकट को देखते हुए आरएसएलडीसी ने दिसंबर 2020 में इसके दूसरे चरण को लॉन्च किया। योजना के तहत मार्च 2021 में स्किल डवपलमेंट की ऑनलाइन क्लास शुरू की गई। युवाओं का रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन किया गया।
दी जा रही है इनकी ट्रेनिंग
स्पोकन इंग्लिश, अकाउंट्स एंड टैक्स असिस्टेंट, डिजिटल फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी, ऑफिस मैनेजमेंट स्किल्स, स्टॉक मार्केट स्किल्स, ब्यूटीशियन, कस्टमर केयर, रिलेशनशिप स्किल्स, डाटा एंट्री स्किल्स आदि कुल 16 विषयों की ट्रेनिंग दी जा रही है। जिससे युवाओं को रोजगार मिल सके।
स्पोकन इंग्लिश, अकाउंट्स एंड टैक्स असिस्टेंट, डिजिटल फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी, ऑफिस मैनेजमेंट स्किल्स, स्टॉक मार्केट स्किल्स, ब्यूटीशियन, कस्टमर केयर, रिलेशनशिप स्किल्स, डाटा एंट्री स्किल्स आदि कुल 16 विषयों की ट्रेनिंग दी जा रही है। जिससे युवाओं को रोजगार मिल सके।
ऐसे दी जा रही है टे्रनिंग
गौरतलब है कि इन कोर्सेज का समय न्यूनतम 175 घंटे और अधिकतम 245 घंटे का है। कोर्स पूरा करने वाले युवाओं को सर्टिफिकेट दिया जाएगा। तकरीबन चार हजार युवाओं को 80 बैचों में और 40 ट्रेनिंग पार्टनर्स के जरिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म यानी जूम, गूगल मीट आदि के जरिए ट्रेनिंग दी जा रही है। हर बैच में स्टूडेट्स की संख्या अधिकतम 50 रखी गई है। ट्रेनिंग का समय हर दिन दो घंटे है और ट्रेनिंग की मॉनिटरिंग हर जिले में नियुक्त जिला कौशल अधिकारी करते हैं। ट्रेनिंग के दौरान समय समय पर आरएसएलडीसी के अधिकारी भी स्टूडेंट्स से बात करते हैं और उनसे ट्रेनिंग का फीडबैक लिया जाता है। ट्रेनिंग पार्टनर्स के साथ वर्चुअल मीङ्क्षटग की जाती है। उनसे ट्रेनिंग के दौरान लिए गए फीडबैक को शेयर किया जाता है, जिससे स्किल डवलपमेंट को और प्रभावी बनाया जा सके। स्टूडेंट्स के लिए ऑनलाइन कॉम्पटिशन का भी आयोजन किया जाता है।
गौरतलब है कि इन कोर्सेज का समय न्यूनतम 175 घंटे और अधिकतम 245 घंटे का है। कोर्स पूरा करने वाले युवाओं को सर्टिफिकेट दिया जाएगा। तकरीबन चार हजार युवाओं को 80 बैचों में और 40 ट्रेनिंग पार्टनर्स के जरिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म यानी जूम, गूगल मीट आदि के जरिए ट्रेनिंग दी जा रही है। हर बैच में स्टूडेट्स की संख्या अधिकतम 50 रखी गई है। ट्रेनिंग का समय हर दिन दो घंटे है और ट्रेनिंग की मॉनिटरिंग हर जिले में नियुक्त जिला कौशल अधिकारी करते हैं। ट्रेनिंग के दौरान समय समय पर आरएसएलडीसी के अधिकारी भी स्टूडेंट्स से बात करते हैं और उनसे ट्रेनिंग का फीडबैक लिया जाता है। ट्रेनिंग पार्टनर्स के साथ वर्चुअल मीङ्क्षटग की जाती है। उनसे ट्रेनिंग के दौरान लिए गए फीडबैक को शेयर किया जाता है, जिससे स्किल डवलपमेंट को और प्रभावी बनाया जा सके। स्टूडेंट्स के लिए ऑनलाइन कॉम्पटिशन का भी आयोजन किया जाता है।
इनका कहना है
पहले चरण में जब योजना की शुरुआत की गई तो ट्रेनिंग पीरियड में क्लास पूरी तरह से भरी होती थी, जो स्टूडेंट्स कॉलेज नहीं आते थे वह भी योजना के कारण आने लगे। पहले चरण की सफलता को देखते हुए हमने दूसरा चरण शुरू किया उसे भी बेहद पसंद किया जा रहा है। युवा ऑनलाइन ट्रेनिंग ले रहे हैं।
विक्रम राघव, अतिरिक्त कार्यक्रम प्रबन्धक
आरएसएलडीसी
पहले चरण में जब योजना की शुरुआत की गई तो ट्रेनिंग पीरियड में क्लास पूरी तरह से भरी होती थी, जो स्टूडेंट्स कॉलेज नहीं आते थे वह भी योजना के कारण आने लगे। पहले चरण की सफलता को देखते हुए हमने दूसरा चरण शुरू किया उसे भी बेहद पसंद किया जा रहा है। युवा ऑनलाइन ट्रेनिंग ले रहे हैं।
विक्रम राघव, अतिरिक्त कार्यक्रम प्रबन्धक
आरएसएलडीसी