धारीवाल ने कहा कि स्मार्ट सिटी व द्रव्यवती प्रोजेक्ट का हम रिव्यू करेंगे। स्मार्ट सिटी में जिस तरीके से इन्होंने प्राइटी ली है, उसे हम नहीं स्वीकार करेंगे। किस तहर के काम हो रहे हैं, इसकी समिक्षा करेंगे। जनता को लाभ पहुंचाने वाले काम होंगे, उन्हें निश्चित रूप से चलने देंगे और एेसे काम, जिनपर व्यर्थ में रुपए खर्च किए जा रहे हैं, उन्हें रोकेंगे। जिस काम से जनता को फायदा ही नहीं मिले, उन्हें करवाने से क्या मतबल है।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार मोटे-मोटे काम छोड कर चली गई, उन्हें पूरा नहीं किया। जबकि हमारी सरकार में काम करने का तरीका अलग है। हम जो काम शुरू करते हैं, उन्हें पांच साल में पूरा भी करते हैं। जब 2008 में मैंने यूडीएच संभाला था, तब खासाकोठी फ्लाइओवर व ट्रांसपोर्ट नगर फ्लाईओवर का काम अधुरा था, उसे हमने पूरा करवाया। अब द्रव्यवती नदी का ही काम पूरा हुआ, सोढ़ाला एलीवेटेड रोड का काम अधूरा है। पहले अधूरे कामों की समिक्षा कर उन्हें पूरा करवाएंगे। हमने ढाई साल में 9 किलोमीटर मेट्रो चला दी, इन्होंने पांच साल में 2 किलोमीटर में ही मेट्रो नहीं चला पाए।
धारीवाल ने कहा कि जयपुर के जेडीए ही नहीं, प्रदेश के तमाम विकास प्राधिकरण, यूआईटी व स्थानीय निकायों की आर्थिक स्थिति खराब है। आज स्थिति यह है कि जेडीए के पास 6 हजार किलोमीटर की जो सडक़े हैं, उनकी मरम्मत के ही पैसे नहीं है। द्रव्यवती नदी के लिए कर्जा ले लिया। जेडीए पर करीब 2 हजार करोड़ रुपए का कर्जा है। अब जेडीए की माली हालात सुधारने के लिए फाइनेंस किस तरीके से बढ़ सकते हैं, उस चीज को हम देखेंगे। जब तक जेडीए की फाईनेंस स्थिति ठीक नहीं होगी, तब तक नया प्लान करके क्या करेंगे।