दरअसल, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ने राईस यानि राजस्थान रेजिडेंशियल एजूकेशनल इंस्टीट्यूट सोसायटी की ओर से प्रदेश में चलाए जा रहे आवासीय विद्यालयों में इन सुविधाओं को बेहतर करने का फैसला किया है। विभाग ने भोजन में दालों के अलावा नियमित रुप से फल व तरकारी को शामिल करने के पीछे यहां रहने वाले बच्चों में बेहतर आहार संतुलन बनाए रखना बताया है। जिससे वे शारीरिक व मानसिक रुप से स्वथ्य रहे और अपनी पढ़ाई को बेहतर ढंग से पूरा कर सके। इसके तहत उन संस्थाओं को इसकी जिम्मेदारी सौंपी जाएगी जो इन सभी विद्यालयों में रहने वाले विद्यार्थियों की जरुरी आवश्यकताओं को पूरा कर सके। विभाग में पंजीकृत संस्थाओं को ही ये काम दिया जाएगा।
700 से ज्यादा हैं विद्यालय—
विभाग की मानें तो वर्तमान में पूरे प्रदेश में 700 से ज्यादा आवासीय विद्यालय एवं छात्रावास चलाए जा रहे है। हालांकि 200 से अधिक क्षमता वाले और भी छात्रावास खोले जाने की योजना है। ये छात्रावास एजूकेशनल हब में शुरु किए जाएंगे। इसमें कोटा, जयपुर, जोधुपर आदि जिले प्राथमिक रुप से शामिल है।
विभाग की मानें तो वर्तमान में पूरे प्रदेश में 700 से ज्यादा आवासीय विद्यालय एवं छात्रावास चलाए जा रहे है। हालांकि 200 से अधिक क्षमता वाले और भी छात्रावास खोले जाने की योजना है। ये छात्रावास एजूकेशनल हब में शुरु किए जाएंगे। इसमें कोटा, जयपुर, जोधुपर आदि जिले प्राथमिक रुप से शामिल है।
विभाग ने चला रखा है भवन सुधार अभियान—
विभाग की ओर से पिछले तील सालों से भवन सुधार अभियान भी चलाया जा रहा है। इसके तहत किसी भी छात्रावास के मरम्मत कार्य से लेकर उसके अंदर दी जाने वाली सुविधाओं को भी बेहतर बनाया जाता है। इसमें भोजनशाला, पीने का पानी, सोने के लिए साफ बिस्तर, साफ सुथरे शौचालय भी शामिल है।
विभाग की ओर से पिछले तील सालों से भवन सुधार अभियान भी चलाया जा रहा है। इसके तहत किसी भी छात्रावास के मरम्मत कार्य से लेकर उसके अंदर दी जाने वाली सुविधाओं को भी बेहतर बनाया जाता है। इसमें भोजनशाला, पीने का पानी, सोने के लिए साफ बिस्तर, साफ सुथरे शौचालय भी शामिल है।