फिल्म सेंसर बोर्ड की सदस्य और उसका पति गिरफ्तार, राजस्थान में की थी करोड़ों की ठगी, केंद्रीय नेता भी शक के दायरे में
धीरेन्द्र भट्टाचार्य / जयपुर। स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप ( SOG ) ने केंद्रीय फिल्म सेंसर बोर्ड ( film censor board member ) की सदस्य और उसके पति को गिरफ्तार कर बेरोजगार युवकों से करोड़ों रुपए की ठगी का पर्दाफाश किया है। एसओजी युवा दंपती को दिल्ली से गिरफ्तार कर शनिवार को जयपुर लेकर आई है। गिरफ्तार पति-पत्नी ने विधि एवं कानून मंत्रालय और सेंसर बोर्ड में पदाधिकारी होने का रोब डालने के लिए फर्जी विजिटिंग कार्ड तथा लेटर पैड भी छपवा रखे थे। आरोपियों के घर से एसओजी ने विधि मंत्रालय की पट्टी लगी लग्जरी कार भी बरामद की है। दंपती ने राजस्थान में ही 2 करोड़ रुपए से ज्यादा की ठगी की हैं। इसके अलावा दिल्ली, हरियाणा और उत्तराखंड के युवकों को भी शिकार बनाया गया है। एसओजी का मानना है कि आरोपियों के गिरफ्तारी की जानकारी मिलने पर अन्य राज्यों से भी शिकायतें आ सकती हैं।
महानिदेशक (एटीएस-एसओजी) डा. भूपेंद्र सिंह यादव ने बताया कि दिल्ली के पॉश इलाके प्रीत विहार निवासी नितिन गुप्ता और उसकी पत्नी शिखा गुप्ता के खिलाफ केंद्रीय विभागों में नौकरी दिलवाने के नाम पर ठगी करने की शिकायतें मिली थी। इस पर एएसपी करण शर्मा के दल ने मामले की जांच कर शनिवार को पति-पत्नी को गिरफ्तार कर लिया। दोनों के खिलाफ राजस्थान सहित दिल्ली, हरियाणा और उत्तराखंड के युवकों ने एसओजी के पास शिकायतें भेजी थी।
केंद्रीय नेताओं तक पहुंच एसओजी ने बताया कि नितिन और शिखा की केंद्र सरकार के कई कद्दावर नेताओं से जान पहचान है। इसके चलते एक कद्दावर नेता की शिफारिश पर शिखा वर्ष 2017 में केंद्रीय फिल्म सेंसर बोर्ड की सदस्य बनने में सफल हो गई। एसओजी ने बोर्ड में सदस्य की नियुक्ती के मामले में शिफारिश करने वालों में कुछ केंद्रीय नेताओं को भी शक के दायरे में लिया है। बोर्ड में शिखा की सदस्यता का कार्यकाल इस वर्ष जुलाई तक है। नितिन ने भी विधि एवं न्याय मंत्रालय में प्रिंसिपल एडवाइजर का पद लेने के लिए केंद्रीय नेताओं की सिफारिश करवाई थी, लेकिन वह सफल नहीं हुआ। इसके बावजूद उसने कार पर इस पद की पट्टी लगा ली। इस बीच पत्नी के बोर्ड में सदस्य बनने के साथ ही नितिन का ठगी का धंधा चरम पर आ गया।
मंत्रालय के फर्जी कार्ड और लेटर पैड बरामद एसओजी के एसपी मानन सिंह ने बताया कि फिल्म बोर्ड के सदस्य अपने किसी भी दस्तावेज में आशोक चिन्ह का इस्तेमाल नहीं कर सकते । इसके बावजूद शिखा ने अशोक चिन्ह लगे विजिटिंग कार्ड और लेटर पैड बना रखे थे। इसके अलावा नितिन से भी विधि मंत्रालय के प्रिंसिपल एडवाइजर के फर्जी दस्तावेज जब्त किए गए हैं, जिनके बूते पर दंपत्ती युवकों को नौकरी लगवाने, बोर्ड से फिल्म का प्रमाण पत्र जारी करवाने के नाम पर ठगी करते थे।
मेरठ में हुई जान-पहचान मूलत: अलीगढ निवासी नितिन दिल्ली आने से पहले मेरठ में कंस्ट्रक्शन का काम करता था, जहां उसकी मुलाकात मैरिज ब्यूरो में काम करने वाली शिखा अरोड़ा से हुई। नितिन शादीशुदा होने के बावजूद शिखा से शादी कर दिल्ली में आ बसा।