दुनिया के पहले सौर विमान इंपल्स-2 की सफलता के पीछे योग की शक्ति भी है। अपने पहले पड़ाव पर अहमदाबाद में उतरे विमान के अविष्कारक व पायलट 56 वर्षीय बर्टे्रन्ड पिकार्ड और सह अविष्कारक व सह पायलट 62 वर्षीय आंद्रे बोसबर्ग को सफर में सजग रखने का काम बीकानेर के श्रीडुंगरगढ़ के योगगुरु संजीव भनोत कर रहे हैं।
इंपल्स टीम से जुड़े भनोत तीन चरणों में पायलटों की मदद करते हैं। पहली बार विमान उड़ाने से पहले, दूसरी बार उड़ान के दौरान और तीसरी बार लैंडिंग के समय। स्विटजरलैंड के जेनेवा में कार्यरत भनोत ने भारत में योग का प्रशिक्षण दिया है।
20-20 मिनट नींद
आंद्रे ने कहा, उड़ान के दौरान पूरी नींद लेने की बजाय वे 20-20 मिनट पर नींद लेते हैं जिससे वे तरोताजा हो सकें।
सोच बदलनी होगी
हमें चांद पर फिर से जाने की जरूरत नहीं है। हमें ऐसे राजनेता चाहिए, जो राह दिखाए। हमें अपनी सोच बदलनी होगी। हमारी जिंदगी भी चुनौती का हिस्सा है।
बर्टे्रन्ड पिकार्ड, आविष्कारक व पायलट
सागर की चुनौती
सबसे ज्यादा चुनौती अटलांटिक महासागर और प्रशांत महासागर पार करने के दौरान होगी। इस दौरान विमान 5 दिन और 5 रात महासागर के ऊपर से पार होगा।
आंद्रे बोसबर्ग, सह आविष्कारक व पायलट
हाथ पर भारत
दोनों पायलटों की कमीज पर भारत लिखा है। बोसबर्ग ने कहा, भारत उनके लिए अचानक विकल्प नहीं बना। यह दुनिया का सबसे बड़ा और सुंदर देश है।
गुजरात कनेक्शन
विमान में विशेष प्रकार का पॉलिमर उपयोग में लाया गया है, जो भरूच के निकट सोलवे कंपनी के पनोली संयंत्र में तैयार किया गया है। इससे विमान हल्का बना है।
वे आए, मोदी गए
दो वर्ष पहले दोनों पायलट अहमदाबाद आए थे और तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले थे। वे अब यहां आए हैं और मोदी यहां से चले गए हैं।