रबी फसलों की बुआई तेज, बारिश से होगा फायदा
गेहूं ( wheat) सरसों ( mustard ) और चना ( Gram ) समेत रबी फसलों ( rabi crops ) की बुवाई तेज हो गई है और मौसम ( weather ) अनुकूल होने से देश के विभिन्न हिस्सों में रबी फसलों की बुवाई आने वाले दिनों में और जोर पकड़ेगी। राजस्थान ( rajasthan ) में गेहूं, सरसों, चना व अन्य फसलों की बुवाई काफी पहले ही शुरू हो चुकी थी और कहीं-कहीं बुवाई समाप्त भी हो चुकी है।
रबी फसलों की बुआई तेज, बारिश से होगा फायदा
जयपुर। गेहूं, सरसों और चना समेत रबी फसलों की बुवाई तेज हो गई है और मौसम अनुकूल होने से देश के विभिन्न हिस्सों में रबी फसलों की बुवाई आने वाले दिनों में और जोर पकड़ेगी। हाल ही में हुई बारिश से बुवाई हो चुकी रबी फसलों को तो फायदा होगा ही, जहां अभी बुवाई नहीं हुई है वहां खेतों में नमी हो जाने से बुवाई आसान हो जाएगी। राजस्थान में गेहूं, सरसों, चना व अन्य फसलों की बुवाई काफी पहले ही शुरू हो चुकी थी और कहीं-कहीं बुवाई समाप्त भी हो चुकी है।
देश में मुख्य रूप से गेहूं की बुवाई 15 नवंबर से 15 दिसंबर के बीच होती है, जबकि राजस्थान, गुजरात और मध्यप्रदेश के कुछ हिस्सों में बुवाई थोड़ी जल्दी शुरू हो जाती है। राज्य में गेहूं की बुवाई अंतिम चरण है और किसानों ने इस बार गेहूं के बदले कुछ भूमि में आलू और लहसुन की खेती की है। इस बार गेहूं का कुछ रकबा आलू और लहसुन में जा सकता है, क्योंकि इनसे किसानों को ज्यादा लाभकारी लग रहा है, जाहिर है कि आलू और लहसुन काफी महंगे बिक रहे हैं।
राजस्थान के कारोबारियों का कहना है कि उनके इलाके में गेहूं के बदले लोग चना, सरसों और लहसुन की खेती में दिलचस्पी दिखा रहे हैं, क्योंकि इनके भाव काफी ऊंचे है, जबकि गेहूं का भाव इस समय कम है।
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी रबी फसलों के आंकड़ों के अनुसार, चालू रबी बुवाई सीजन में छह नवंबर तक देशभर में गेहूं की बुवाई 16.94 लाख हेक्टेयर में हो चुकी थी, जोकि पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले 74.27 फीसदी अधिक है। वहीं, चना का रकबा पिछले साल से 43.59 फीसदी बढ़कर 15.10 लाख हेक्टेयर हो गया था। वहीं, दलहनी फसलों का रकबा पिछले साल से 11.64 लाख हेक्टेयर बढ़कर 36.43 लाख हेक्टेयर हो गया था।