समाजकंटकों का जमावड़ा लोगों ने बताया कि कॉलोनी का माहौल शांत प्रिय रहता है। यहां खिरणी फाटक रोड पर शराब और नॉनवेज की दुकानें खुल गई। इसके चलते शाम से देर रात तक यहां समाजकंटकों का जमावड़ा लगा रहता है। कई बार विवाद पूर्ण स्थिति भी देखने को मिलती है। ऐसे में पुलिस भी बुलानी पड़ जाती है। ऐसे में रात के समय में महिलाओं का यहां से होकर निकलने में हिचकिचाहट रहती है।
एकजुटता से सफलता संगठन में शक्ति होती है। ये बात यहां भी चरितार्थ हुई है। यहां बसावट के दौर में निजी स्तर पर जलापूर्ति होती थीं, ऐसे में वक्त के साथ साथ इसमें दिक्कतें शुरू होने लगी। ऐेसे में लोगों ने एकजुटता से जलदाय विभाग में लेटर सौंपा और पेयजल के कनेक्शन कराए। इसके बाद समस्या का समाधान हुआ। इसके बाद से जलापूर्ति में दिक्कतें नहीं हुई।
डोर टू डोर कचरा संग्रहण पिछले कई सालों से कचरा संग्रहण के लिए कर्मचारी नियुक्त कर रखा है। ये डोर टू डोर कचरा संग्रहण करता है। इसके अलावा बाशिंदे भी स्थानीय पार्षद की टीम के संयुक्त तत्वाधान में कई बार सफाई अभियान चला चुके। वहीं बात करे सुरक्षा व्यवस्था की तो उसके लिए यहां कुछ साल पहले स्थानीय विधायक से आग्रह कर छह गेट लगवाए गए। कुछ समय गार्ड रखा, उसके बाद अपने स्तर पर व्यवस्थाएं संभालने लगे फिलहाल ये गेट रात-दिन खुले ही रहते है।
पेचवर्क कर खानापूर्ति लोगों ने बताया कि जब कॉलोनी की बसावट हुई तब यहां सोसायटी की ओर से कच्ची रोड बनाई हुई थीं। ऐसे में डामरीकृत रोड के लिए प्रयास किए तो डेढ़ दशक बाद लोगों को ये सौगात मिलीं। इसके लिए भी कई चक्कर काटने पड़े। इसके बाद रोड क्षतिग्रस्त हुई तो आलाधिकारियों से आग्रह किया तो गलियों में पेचवर्क करा दिया लेकिन नवीनीकरण नहीं हुआ। ऐसे में दुबारा रोड बनाने को लेकर प्रयासरत है।
पेचवर्क कर खानापूर्ति लोगों ने बताया कि जब कॉलोनी की बसावट हुई तब यहां सोसायटी की ओर से कच्ची रोड बनाई हुई थीं। ऐसे में डामरीकृत रोड के लिए प्रयास किए तो डेढ़ दशक बाद लोगों को ये सौगात मिलीं। इसके लिए भी कई चक्कर काटने पड़े। इसके बाद रोड क्षतिग्रस्त हुई तो आलाधिकारियों से आग्रह किया तो गलियों में पेचवर्क करा दिया लेकिन नवीनीकरण नहीं हुआ। ऐसे में दुबारा रोड बनाने को लेकर प्रयासरत है।