पिछले 84 दिनो से प्रदेश कांग्रेस बिना कार्यकारिणी के चल रही है। संगठन में केवल एकमात्र नियुक्ति पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा की हुई है। ऐसे कांग्रेस गलियारों में ही इसे लेकर चर्चाओं का तेज है, चर्चा इस बात की है कि बिना सेना के कैसे रण जीतेंगे?
हालांकि अभी निकाय चुनाव टालने का मामला सुप्रीम कोर्ट में है और अगर वहां से कोई राहत नहीं मिली और निकाय और पंचायतों के चुनाव घोषित हो गए तो फिर कैसे बिना संगठन खड़ा किए गए चुनाव में जाया जाएगा? कार्यकारिणी कब घोषित होगी इसे लेकर पार्टी के शीर्ष नेता कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है।
पुरानी कार्यकारिणी की बहाली की उठ चुकी है मांग
विश्वस्त सूत्रों की माने तो आगामी पंचायत और निकाय चुनाव को देखते हुए पुरानी कार्यकारिणी को ही फिर से बहाल करने की मांग प्रदेश प्रभारी अजय माकन के समक्ष उठ चुकी है। जयपुर संभाग की समीक्षा बैठक के दौरान इस तरह की मांग उठ चुकी है हालांकि तब पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा इस तरह की मांगों को खारिज कर चुके हैं। वहीं प्रदेश कांग्रेस के भी कई नेता चाहते हैं कि जब तक नई कार्यकारिणी घोषित नहीं हो जाती तब तक पुरानी कार्यकारिणी को बहाल कर उससे काम लिया जाए।
प्रदेश कार्यकारिणी, जिला और ब्लॉक कार्यकारिणी भंग
दरअसल तत्कालीन डिप्टी सीएम और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट के पार्टी से बगावत के बाद पार्टी आलाकमान ने पायलट को दोनों पदों से बर्खास्त कर 14 जुलाई को शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा को नया पीसीसी चीफ बनाया था, साथ ही संपूर्ण प्रदेश कार्यकारिणी, जिलाध्यक्षों और ब्लॉक अध्यक्षों को भंग करते हुए कार्यकारिणी को भंग कर दिया गया गया। जिसके बाद अब लगभग पौने तीन माह का समय हो चुका है लेकिन प्रदेश कार्यकारिणी की घोषणा नहीं हो पाई।