राठौड़ का कहना है कि कर्मचारी पहले ही वेतन विसंगतियों की मार झेल रहे हैं। लेकिन सरकार ने वेतन कटौती करने के साथ ही वेतन स्थगित करने जैसे निर्णय लिए। 2017 का वेतन कटौती संबंधी आदेश भी वापस नहीं लिया गया है। इससे कर्मचारियों में असंतोष है। इसके साथ ही 17 दिसंबर को राज्य सरकार की दूसरी वर्षगांठ के दिन कर्मचारी महासंघ चुनाव से पहले किए गए वादों को पूरा नहीं करने और महासंघ की मांगों पर सकारात्मक रूख नहीं दिखाने से नाराज होकर इस दिन को वादाखिलाफी दिवस के रूप में मनाएंगे। गौरतलब है कि हड़ताल को लेकर ट्रेड यूनियन के आव्हान पर जयपुर में भी केंद्रीय श्रमिक संगठनों इंटक, एटक, एचएमएस, सीटू, राज.सीटू से सलंग्न बैंक, बीमा, विद्युत, इंजीनियरिंग, केंद्रीय कर्मचारी, रोडवेज, निर्माण मज़दूर सहित विभिन्न असंगठित क्षेत्र के प्रमुख पदाधिकारियों की इसे लेकर मीटिंग हो चुकी है।