सभी जिला मुख्यालयों पर राज्य कर्मचारियों की ओर से सांकेतिक धरना दिया जाएगा। राजधानी जयपुर में कलेक्ट्रेट सर्किल पर राज्य कर्मचारी धरना देंगे। दोपहर 12 बजे आयोजित होने वाले धरने प्रदर्शन कर्मचारी शामिल होंगे। धरना तीन बजे तक दिया जाएगा। धरने के पश्चात जिला कलक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया जाएगा। अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ (एकीकृत) के प्रदेशाध्यक्ष गजेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया कि ये धरना केवल सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए दिया जा रहा है।
अगर इसके बाद भी सरकार ने कर्मचारियों की मांगों की अनदेखी की तो एक बड़े आंदोलन प्रदेश में किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आंदोलन का दूसरा चरण 24 से 28 फरवरी तक चलेगा, जिसमें महासंघ से संबंधित सभी संगठन जयपुर में धरना प्रदर्शन करेंगे।
उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर इसके बावजूद भी सरकार की नींद खुली तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। आंदोलन के दूसरे चरण में 24 फरवरी से 28 फरवरी तक महासंघ (एकीकृत) से संबद्ध सभी संगठन प्रदेश की राजधानी जयपुर में क्रमिक धरना देंगे।
इन मांगों को लेकर होगा धरना
30 अक्टूबर 2017 के वेतन कटौती के आदेश को निरस्त किया जाए। वेतन विसंगतियों को दूर करने के लिए राज्य सरकार 31 जुलाई 2019 को प्रस्तुत सामंत कमेटी की रिपोर्ट को शीघ्र प्रकाशित करे।
साल2004 के बाद नियुक्त राज्य कर्मचारियों के लिए नई पेंशन योजना के स्थान पर पुरानी पेंशन योजना लागू की जाए।
कांग्रेस के जन घोषणा पत्र- 2018 में कर्मचारी कल्याण के तहत की गई घोषणाओं के अनुरूप सभी संविदा कर्मी एवं अस्थाई कर्मचारियों को नियमित किया जाए।
कांग्रेस सरकार की वर्ष 2013 की घोषणा के अनुरूप मंत्रालयिक संवर्ग के 26000 पद सृजित किए जाएं।इसके अलावा जुलाई 2019 से देय 5फीसदी महंगाई भत्ते के आदेश शीघ्र जारी किए जाएं।