संस्थाएं भी जुटेगी प्रचार में— इधर, विभाग ने सभी पंजीकृत संस्थाओं को भी बाल विवाह रोकथाम कंट्रेाल रुम के नए नंबर को सभी जगह प्रचार प्रसारित करने की जिम्मेदारी दी है। ये है सजा का प्रावधान—
गृह विभाग बाल विवाह रोकथाम का नोडल विभाग है। बाल विवाह रोकने के लिए प्रत्येक उपखंड अधिकारी को उनके क्षेत्र के लिए बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी नियुक्त किया गया है। सूचना मिलने पर ये अधिकारी मौके पर पहुंचते है और बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 के अनुसार आयोजकों एवं बाल विवाह में भाग लेने वाले व्यक्तियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के तहत जुर्माना एवं सजा दी जाती है। इसके तहत एक लाख रुपए का जुर्माना या फिर 2 साल का कठोर कारावास अथवा दोनो दिए जाने का प्रावधान है।