दरअसल, मामला पिछले वर्ष की उत्तर पुस्तिकाओं की चैकिंग से जुड़ा हैं। विभिन्न कक्षाओं की पिछले साल हुई परीक्षाओं की उत्तर-पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में परीक्षकों की ओर से की गई लापरवाही सामने आई थी। यह मामला तब उजागर हुआ, जब परीक्षार्थियों ने उत्तर पुस्तिका सूचना का अधिकार कानून के तहत निकलवाई। इसमें अंकों के योग की त्रुटि, प्रश्न के किसी भाग का मूल्यांकन न किया जाना, पोर्टल पर अंकों को गलत अंकित करना सहित अन्य खामियां पाई गई। इस पर ईपीएमसी कमेटी की अनुशंषा पर इन परीक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की गई। वहीं, आरयू के शिक्षकों ने जब इस कार्रवाई का विरोध करना शुरू किया तो कुलपति प्रोफेसर आरके कोठारी ने समीक्षा के नाम पर ईपीएमसी के आदेश को फिलहाल स्थगित कर दिया।