बच्चों के मामलों के लिए विशेष थाने के गठन का सुझाव
बालश्रम और बाल भिक्षावृत्ति की रोकथाम का प्रयासराजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्षता में हुई बैठक
,,बच्चों के मामलों के लिए विशेष थाने के गठन का सुझाव
जयपुर, 26 जुलाई
महिला थाने की तर्ज पर जयपुर शहर में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर बच्चों के मामलों के लिए विशेष थाने का गठन (Establishment of special police station for children’s affairs) किया जाना चाहिए, जिससे बालश्रम और बाल भिक्षावृत्ति (child labor and child begging) को रोकने के लिए और अधिक प्रयास किए जा सकें। यह सुझाव सोमवार को राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग (Rajasthan State Commission for Protection of Child Rights) की अध्यक्षता में संबंधित विभागों और स्वयंसेवी संगठनों की बैठक में सामने आया। बैठक में लिए गए निर्णय के बाद विभाग इस संबंध में एक प्रस्ताव बनाकर सरकार को भेजा जाएगा। बैठक में सभी विभागों ने अपने द्वारा किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी। साथ ही इन कार्यों के संपादन में आ रही समस्याओं से भी बेनीवाल को अवगत करवाया। बैठक में विभागों की भूमिका और जिम्मेदारियों पर भी चर्चा की गई।
बाल श्रम की रोकथाम के लिए जिलों में स्थापित जिला स्तरीय टास्क फोर्स के सदस्यों और थानों में पदस्थापित बाल कल्याण सुरक्षा अधिकारियों को नियमित रूप से विशेष प्रशिक्षण देने पर भी चर्चा की गई। इसके साथ ही पंचायत स्तरीय, ब्लॉक स्तरीय और जिला स्तरीय बाल संरक्षण समितियों का गठन कर बाल श्रम और बाल भिक्षावृत्ति पर उनकी सक्रियता को लेकर विचार विमर्श किया गया। इस मौके पर आयोग अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की बाल श्रममुक्त राजस्थान की भावना इस अभियान से जुड़ी है। बेनीवाल ने सभी से नवाचारों के माध्यम से इस अभियान से जुड़कर इसे सफल बनाने में अपना सहयोग देने की अपील की ।
उल्लेखनीय है कि 20 जुलाई से राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की ओर से जनजागरुकता अभियान चलाया जा रहा है जिसके तहत 4 मोबाइल वैन और अन्य प्रचार सामग्री के माध्यम से शहर भर में लोगों को जागरुक किया जा रहा है। बैठक में बाल आयोग सदस्य डॉ. विजेंद्र सिंह, अतिरिक्त जिला कलेक्टर जयपुर दक्षिण शंकर लाल सैनी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अशोक बुटोलिया, सहायक पुलिस आयुक्त, पुलिस कमिश्नरेट नरेंद्र दायमा, पुलिस उपाधीक्षक बाल अधिकारिता विभाग वीणा शास्त्री, सहायक निदेशक बाल अधिकारिता विभाग रोहित जैन आदि शामिल हुए।
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