पं. दामोदर प्रसाद शर्मा के मुताबिक नौतपा में धरती का तेज तपना मानसून के लिए श्रेष्ठ होता है, अगर इस दौरान बारिश हो जाए तो इसे रोहिणी का गलना कहते है, जो मानसून के लिए अशुभ संकेत होता है। नौतपा में पारा 45 से 47 डिग्री तक पहुंचने की संभावना जताई जा रही है। अब तक पड़ी भीषण गर्मी का रेकॉर्ड इस साल टूट सकता है। तेज गर्मी और उमस के साथ वर्षा के योग बनेेंगे।
यह होता है नौतपा ज्योतिषाचार्य पं. चंद्रशेखर शर्मा के अनुसार साल में एक बार रोहिणी नक्षत्र की दृष्टि सूर्य पर पड़ती है। यह नक्षत्र 15 दिन रहता है, लेकिन शुरू होने से चन्द्रमा जिन 9 नक्षत्रों पर रहता है , वह दिन नौतपा कहलाते हैं। इसका कारण इन दिनों में गर्मी अधिक रहती है।
कहीं बाढ़ तो कहीं सूखे की नौबत
सूर्य आद्रा नक्षत्र में प्रवेश करता है तो इसे मानसून की शुरुआत माना जाता है। इस साल 22 जून को शाम 5.19 बजे पर सूर्य आद्रा नक्षत्र में प्रवेश करेगा। इससे वर्षा ऋतु भी शुरू हो जाएगी। इस दिन धनिष्ठा नक्षत्र का संयोग भी बन रहा है। इस संयोग को असामान्य वर्षा का संकेत माना जाता है। असामान्य वर्षा के चलते कहीं बाढ़ और कहीं सूखे के हालात की नौबत आ सकती है। बीते दस दिनों की बात की जाए तो अधिकतम तापमान 42 डिग्री के आसपास रहा।