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जयपुर

भूत प्रेत के बाद विधानसभा में छाया ‘पागलों का साया’, जानिए क्या है पूरा मामला

विधानसभा में भूत प्रेत के बाद अब पागलों का साया छा रहा है। खबर में पढ़ें पूरा मामला…
 

जयपुरMar 09, 2018 / 03:59 pm

Nidhi Mishra

Superstition in Vidhan Sabha - Now Demand for Neurosurgeon

Superstition in Vidhan Sabha – Now Demand for Neurosurgeon

जयपुर। राजस्थान विधानसभा में नित नए ऐसे केसेज सामने आ रहे हैं, जिन्हें जानकर हैरानी तो होती ही है साथ ही हंसी भी आती है। कुछ समय पहले तक विधानसभा में भूत प्रेतों का मामला गरमाया हुआ था और आज यहां पागलों का मामला छाया रहा। विधानसभा में शुक्रवार को प्रश्नकाल में पागलों का मामला गूंजा। प्रश्नकाल में भाजपा के ज्ञानदेव आहूजा ने अलवर में न्यूरो सर्जन की जरूरत का मामला उठाते हुए कहा कि न्यूरो सर्जन अलवर के लिए जरूरी है क्योंकि अलवर में पागल कुछ ज्यादा ही है। उनका इलाज होना चाहिए।
इस बीच संसदीय कार्यमंत्री राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि सदस्य ने विशेष गणना करके अलवर में पागलों के बारे में बताया है। कांग्रेस के गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि आपको चुनाव हरा दिया, इसका मतलब यह नहीं कि आप वहां की जनता को पागल बताओ। इस पर राठौड़ ने कहा कि आपकों क्या मालूम अलवर जिले में पागल ज्यादा है, यह अलवर जिले की जनता का अपमान है। इस पर आहूजा ने कहा कि संसदीय कार्यमंत्री मेरे प्रश्नों पर हस्तक्षेप न करें, मंत्री को ही जवाब देने दीजिए। आप बार-बार घंटी मत बजाइए। मैं जिले का अपमान नहीं कर रहा हूं, वहां की स्थिति बता रहा हूं। इस दौरान भाजपा विधायक घनश्याम तिवाड़ी ने कहा कि न्यूरो सर्जन पागल के लिए जरूरी है। इस बीच हंगामा होता रहा। अध्यक्ष ने अगले सवाल के लिए कार्यवाही शुरू कर दी, लेकिन पागलों का मामला चलता रहा। डोटासरा ने कहा कि पहले मंत्री यह बताएं कि पागलों का डॉक्टर कौन सा होता है। इस पर मंत्री सर्राफ ने कहा कि पागलों का सवाल किया है, निश्चित रूप से पागलों का दौरा पड़ता होगा।
इससे पहले भूतों के साए का मामला था चर्चा में


विधानसभा के दो विधायकों की मौत से मौजूदा विधायकों में अपशगुन की शंका घर कर गई थी। आलम ये था कि अब विधानसभा परिसर में एक विधायक को तो भूत प्रेत तक नजर आने लगे। पहले मांडलगढ़ से विधायक कीर्ति कुमारी और फिर नाथद्धारा से विधायक कल्याण सिंह के असामायिक निधन से विधायकों की यह शंका अब जुबान तक आ गई। विधानसभा के बाहर भूतों और आत्माओं को लेकर चर्चा जारी रही। विधायक ज्ञानदेव आहूजा बोल पड़े कि मेरे साथ हमेशा एक अदृश्य शक्ति रहती है, हनुमान जी मेरे मित्र हैं और मेरे दोस्त हैं। जो हमेशा मेरे साथ रहते हैं। मेरी किसी से कोई दुश्मनी नहीं हैं, मैंने तो क्षेत्र के लोगों के लिए कई मामले उठाए हैं। कांग्रेस अपने सीएम प्रत्याशी का नाम तय करे और उसके बाद चुनाव की तैयारी करें। भाजपा की इस सबंध में कोई बैठक नहीं हुई। बैठक होने पर ही नाम तय हो सकेगा। अब फिर भाजपा सरकार बनाएगी।
नागौर से आने वाले बीजेपी विधायक हबीबुर्रहमान ने तो सदन के सदस्यों की इस असामायिक मौत के लिए विधानसभा भवन स्थल को ही अपशगुनी करार दे दिया। विधायक हबीबुर्रहमान बोले विधानसभा में से कुछ तो निकलेगा ही, इससे किसी न किसी का तो भला होगा ही। विधायक श्रवण चौधरी ने कहा कि भाजपा ने लोगों की आत्मा दुखाई है, यह उनका ही भूत है। विधानसभा के भीतर कोई भूत नहीं है। विधायक राजकुमार शर्मा ने कहा मैं आई टी मिनिस्टर रहा हूं, यहां पर कोई भूत नहीं है, अगर धार्मिक अनुष्ठान कराना है तो मुख्य सचेतक के कहने के साथ ही सरकार उन लोगों के लिए भी कराए जो किसान आंदोनल में जाम में फंसे हुए हैं। विधायक बनवारी लाल सिंघल ने कहा यहां किसी प्रकार का कोई भूत नहीं है, विधानसभा के ईशान कोण में शमशान है जो गलत है। उसका वास्तुदोष सुधारना चाहिए। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि मुझे भी मालूम है और सभी को मालूम है कि यहां पर कौन सा भूत कहां पर बैठा है। किसी दिन इस पर चर्चा होगी।
आपको बता दें कि मुख्यमंत्री से विधायकों ने कहा कि जब से विधानसभा बनी है, तब से दो सौ विधायक एक साथ कभी पूरे पांच साल नहीं कर पाए हैं। इस तरफ ध्यान देना होगा।

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