– वर्तमान में जयपुर एयरपोर्ट पर डीवीओआर उपकरणों से लैंडिंग होती है। जिससे एक के बाद दूसरे विमान के समय में १५ से 20 मिनट तक का अंतर रखना पड़ता है। ऐसे में डायवर्जन या एक समय में अधिक विमानों के आने की स्थिति में विमान को उतरने के लिए 10 से 15 मिनट तक हवा में चक्कर लगाना पड़ता है। अचानक दूसरे एयरपोर्ट से विमानों के डायवर्जन में स्थिति खराब हो जाती है। इस राडार लगने से कुछ मिनट के अंतराल में एक के बाद एक विमान को लैंडिंग करवा जा सकेगी।