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जयपुर

ब्लू व्हेल : जीत की खातिर जिंदगी का दांव, जयपुर में भी बच्चों में बढ रहा क्रेज, ऐसे बचाएं अपने लाडलों को

साइबर क्राइम पुलिस और एक्सपर्ट को मिल रही ब्लू व्हेल खेलने की शिकायत

जयपुरAug 26, 2017 / 04:50 pm

pushpendra shekhawat

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श्यामवीर सिंह जादौन / जयपुर . करणी विहार से दसवीं एक छात्र के ब्लू व्हेल गेम के भंवर में फंसकर मुम्बई पहुंचने का मामला गंभीर है। यह छात्र अकेला नहीं है, जो सुसाइड गेम की लत का आदी बन गया था, ऐसे और भी बच्चे हैं। साइबर एक्सपर्ट, शिक्षक और जागरुक परिजनों के मुताबिक, राजधानी में दर्जनों छात्र-छात्राएं सुसाइड गेम के शिकार हैं। वे रोमांच के चलते इस गेम को खेलने लगे हैं। एेसे बच्चे घरों में गेम एडिमन से मिले टास्क को पूरा करने के लिए दिन-रात मोबाइल से चिपके रहते हैं। हालात ऐसे में है कि स्मार्टफोन के चलन और गेम में जीत की खातिर किशोर, किशोरी, युवक और युवतियां अपनी जिंदगी दांव पर लगा रहे हैं। जबकि पहले ही केंद्र सरकार इस गेम पर रोक लगा चुकी है।
एक पीडि़त छात्र की बातचीत

खुद को रोकना मुश्किल : ब्लू व्हेल को रोमांचकारी और कॉन्फिडेंस पैदा करता है। इसे खेलते समय मुझे थ्रिल ऑफ लाइफ का अहसास हुआ। मुझे लगता था कि मैं कुछ भी कर सकता हूं। गेम्स के चैलेंज पूरे करने के लिए मैं कुछ भी करने को तैयार था लेकिन कोचिंग सेंटर के सर ने मेरी इस लत को पहचाना और माता-पिता को बता दिया।

बच्चों की हरकतों पर नजर
परिजन और शिक्षक दोनों को बच्चों के असामान्य व्यवहार को नजरअंदाज नही करना चाहिए। यदि कोई बच्चा पहले शरारती था लेकिन अब गुमसुम रहता है तो उस पर ध्यान दें। बच्चों के हाथ-पैर, चेहरे, गर्दन पर असामान्य निशान भी देखें। बच्चों के मोबाइल पर गेम खेलने पर नजर रखें। बच्चा का अचानक हिंसक होना भी इस गेम का चपेट है।
यह करें परिजन
– बच्चों के मोबाइल फोन चैक करते रहें।
– मोबाइल में पैरेंटल कण्ट्रोल अनऐबल करें।
– मोबाइल की एप्लीकेशन चैक करते रहें।
– बच्चों के मोबाइल में पाई एप डाउनलोड करें।
– बच्चों के मोबाइल की जासूसी करें।
धमकी दे एडिमन फंसाता है जाल में

साइबर क्राइम एक्सपर्ट मिलिंद अग्रवाल के अनुसार ब्लू व्हेल गेम को लॉगइन करते ही एक मैसेज के जरिए टास्क दिया जाता है। एक के बाद एक फिर अन्य टास्क दिए जाते हैं। अगर टॉस्क पूरा नहीं किया तो लॉगइन करने वाले को उसका पर्सनल डाटा हैक, परिजन को नुकसान पहुंचाने जैसे अन्य धमकी भरे मैसेज दिए जाते हैं। धमकी से बच्चे डर जाते हैं और इस गेम के भंवर में फंस कर जान गंवाने को मजबूर हो जाते हैं।

गेम के खतरनाक टास्क
ब्लू व्हेल गेम में बच्चों को स्टेज वाई स्टेज 50 दिन तक प्रतिदिन एक टास्क दिया जाता है। इनमें सुबह जल्दी उठना, हॉरर वीडियो या फिल्म देखना, क्रेन पर चढऩा, पहाड़ी पर चढऩा, पेड़ पर चढऩा, शरीर के विभिन्न हिस्सो में सुई चुभोना, हाथ की नसों को काटकर उसकी फोटो भेजना, पैर पर यस उकेरना, छत पर चढऩा और डेयरिंग दिखाना। गेम केे भंवर में फंसा बच्चा अंतिम टॉस्क पूरा करने को आत्महत्या करने का भी कदम उठा लेता है।

क्या है ब्लू व्हेल का मतलब
ब्लू वेल का संबंध वेल्स के सुइसाइड से है। पानी में रहने वाले स्तनधारी जीव बीच पर चले जाते हैं। वहां उनकी डिहाइड्रेशन, अपने खुद के वजन या हाई-टाइड की वजह से मौत हो जाती है।

इस गेम ने भी ली थी जान
देश में इससे पहले पॉकीमोन गो नाम से गेम आया था, जिससे टॉस्क को पूरा करने को किशोर, किशोरियां और युवक-युवतियां सडक़ पर दौड़ लगा देते थे। जिससे हादसे होते थे। जिनसे गेम के शिकार ही नहीं दूसरे लोग भी चोटिल हो जाते थे।
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