चुनावी साल होने के बावजूद ब्लॉक अध्यक्षों की घोषणा नहीं होने से ब्लॉक लेवल पर पार्टी का संगठनात्मक कामकाज प्रभावित हो रहा है। वहीं कार्यकर्ताओं में दिन प्रतिदिन निराशा बढ़ रही है। कार्यकर्ता के बीच चर्चा है कि ब्लॉक अध्यक्षों की घोषणा में जितनी देर होगी, संगठन का कामकाज उतना ही प्रभावित होगा, क्योंकि ब्लॉक अध्यक्ष ही अपने नीचे वार्ड स्तर संगठन तैयार करने का काम करता है, और इस प्रक्रिया में समय भी लगता है।
ये बताई जा रही देरी की वजह
पार्टी के जानकारों की माने तो अभी तक ब्लॉक और जिलाध्यक्षों को लेकर पार्टी नेताओं के बीच सहमति नहीं बन पा रही है। दरअसल पार्टी के अधिकांश नेता अपने-अपने समर्थकों को ब्लॉक अध्यक्ष बनाने के लिए ऐडी चोटी का जोर लगाए हुए हैं। उन नामों पर अन्य नेताओं के नामों पर आपत्ति के चलते मामला लटका हुआ है। जिलाध्यक्षों और ब्लॉक अध्यक्षों को लेकर पार्टी के शीर्ष नेताओं के बीच कई बार बैठकें भी हो चुकी है, लेकिन कोई हल नहीं निकल पाया है। ऐसे में अब ये कहा जा रहै है इस माह के आखिर में या जून के पहले सप्ताह में जिलाध्यक्ष और ब्लॉक अध्यक्षों की घोषणा हो सकती है।
कार्यकारिणी में होना है फेरबदल वहीं जिलाध्यक्षों के अलावा पार्टी की प्रदेश कार्यकारिणी में आने वाले दिनों में बदलाव देखने को मिल सकता है। जानकारों की माने तो पार्टी में ऐसे पदाधिकारी हैं जो विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं। और इस बार वे पूरी तरह से चुनाव मैदान में उतरने को तैयार हैं। ऐसे में चुनाव लड़ने के इच्छुक नेताओं को पदमुक्त कर नए और सक्रिय लोगों को कार्यकारिणी में मौका दिया जाएगा।