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स्वच्छता सर्वेक्षण-2018: धौलपुर, डूंगरपुर और बूंदी जैसे छोटे जिले भी राजधानी जयपुर से कहीं आगे

जयपुर की टॉप रैंकिंग में ओडीएफ का लोचा…

जयपुरJan 03, 2018 / 05:54 pm

dinesh

jmc jaipur
जयपुर। स्मार्ट सिटी बनने जा रहे जयपुर के कर्ता-धर्ता शहर को स्वच्छता सर्वेक्षण में टॉप रैंकिंग दिलाने के बड़े—बड़े दावे कर रहे हैं। लेकिन राजधानी का खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) नहीं होना कल से शुरू होने वाले स्वच्छता सर्वेक्षण—2018 में बेहतर रैंकिंग हासिल करने की राह में रोड़ा बन सकता है। जयपुर को म्यूनिसिपल डॉक्यूमेंटेशन के कुल 1400 अंकों में से ओडीएफ के पेटे मिलने वाले 420 अंकों का नुकसान उठाना पड़ेगा। यानी जयपुर को एक तिहाई अंकों का नुकसान होगा। हालांकि निगम शहर के सभी वार्डों में टॉयलेट बनाने का दावा कर रहा है। हकीकत ये है कि ज्यादातर टॉयलेट्स पर ताला लगा है।
पहली बार सभी निकायों को रैंकिंग
4 जनवरी, 2018 से शुरू होने वाले स्वच्छता सर्वेक्षण में पहली बार प्रदेश के सभी 191 निकायों की साफ सफाई परखी जाएगी। शहरी विकास मंत्रालय ने स्वच्छता सर्वेक्षण-2018 के लिए नए पैरामीटर तैयार किए हैं। इनके मुताबिक एक लाख से अधिक जनसंख्या वाले शहरों और राज्यों की राजधानियों सहित देश के 500 शहरों को रैंकिंग ऑल इंडिया लेवल पर दी जाएगी। इस श्रेणी में राजधानी जयपुर सहित राजस्थान के 29 शहरी निकाय शामिल होंगे। वहीं, स्वच्छता सर्वेक्षण-2018 में 1 लाख से कम जनसंख्या वाले देश के 3,541 शहरों की रैंकिंग राज्य और जोन स्तर पर होगी। इस श्रेणी में राज्य के एक लाख से कम आबादी वाले 162 नगरीय निकाय आएंगे।
इस बार ऐसे मिलेगी रैंकिंग
स्वच्छता सर्वेक्षण-2018 के तहत जो सर्वेक्षण पद्धति निर्धारित की गई है, इसमें कुल अंकों में से म्यूनिसिपल डॉक्यूमेंटेशन के लिए 35 प्रतिशत, प्रत्यक्ष अवलोकन के लिए 30 प्रतिशत एवं नागरिक प्रतिक्रिया के लिए 35 प्रतिशत अंक मिलेंगे। सर्वेक्षण के लिए म्यूनिसिपल डॉक्यूमेंटेशन के लिए कुल 1400 अंकों का बंटवारा किया जाएगा। जिनमें ठोस कचरे का परिवहन एवं एकत्रिकरण के लिए 30 प्रतिशत (420 अंक), ठोस कचरे का प्रसंस्करण एवं निपटान के लिए 25 प्रतिशत (350 अंक), स्वच्छता एवं खुले में शौच मुक्त 30 प्रतिशत (420 अंक), सूचना-शिक्षा एवं संचार व्यवहार में बदलाव के लिए 5 प्रतिशत (70 अंक), क्षमता सवंद्र्धन के लिए 5 प्रतिशत (70) एवं नवाचार एवं सर्वोत्तम प्रक्रिया के लिए 5 प्रतिशत (70 अंक) दिए जाएंगे। सर्वेक्षण में स्वतंत्र सत्यापन के लिए इंडीकेटर्स की प्रगति सही नहीं होने के स्थिति में नेगेटिव मार्किंग भी की जा सकेगी।
प्रत्यक्ष अवलोकन के लिए रहेगी ये पद्धति
स्वच्छता सर्वेक्षण-2018 के तहत प्रत्यक्ष अवलोकन के लिए जो सर्वेक्षण पद्धति निर्धारित की गई है, इसमें 1200 अंकों में प्रत्यक्ष अवलोकन के लिए 30 प्रतिशत (360 अंक), नागरिक प्रतिक्रिया के लिए 35 प्रतिशत (420 अंक), सर्विस लेवल प्रोग्रेस के लिए 35 प्रतिशत (420 अंक) निर्धारित किए गए हैं। इसी प्रकार नागरिक प्रतिक्रिया के लिए 1400 अंकों में प्रत्यक्ष अवलोकन के लिए 30 प्रतिशत (420 अंक), नागरिक प्रतिक्रिया के लिए 35 प्रतिशत (490 अंक), सर्विस लेवल प्रोग्रेस के लिए 35 प्रतिशत (490 अंक) निर्धारित किए गए हैं।
ओडीएफ में जयपुर 336वें नंबर पर
राष्ट्रीय स्तर पर स्वच्छ भारत मिशन के तहत खुले में शौच मुक्त अभियान के लिए जारी की गई 2016—17 की रैंकिंग में जयपुर को 336वां स्थान प्राप्त हुआ। जबकि राज्य के हनुमानगढ़ को 95वीं रैंकिंग मिली। राजधानी जयपुर तो ओडीएफ के मामले में प्रदेश के 16 शहरों से भी पीछे है। धौलपुर, डूंगरपुर और बूंदी जैसे छोटे जिले भी जयपुर से कहीं आगे हैं।

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