दो दिन पहले विधानसभा में बाड़मेर-जैसलमेर में जलसंकट का मुद्दा उठा। जवाब में सरकार ने कहा, अब मरुस्थल में पेयजल किल्लत नहीं रही। पत्रिका संवाददाताओं ने जिले के विभिन्न इलाकों में जाकर जलापूर्ति व्यवस्था देखी, तो हालात भयावह नजर आए।
गर्मी के तेवर दिखाने के साथ ही बालोतरा व सिवाना सहित आसपास के गांवों-कस्बों में जल वितरण व्यवस्था लडख़ड़ा गई है। बालोतरा में चार दिन तो कस्बों-गांवों में सप्ताह भर के अंतराल में जलापूर्ति हो रही है। कम दबाव व कम समय के लिए जलापूर्ति से लोग खारे पानी को भी तरस गए हैं। पेश है पत्रिका टीम की ग्राउंड रिपोर्ट।
बालोतरा। जलदाय विभाग की ओर से शहर में तीन दिन के अंतराल में खारे पानी और महीने भर में मीठे पानी की आपूर्ति की जा रही है। बाहरी बस्तियों में कम दबाव व कम समय के लिए हो रही जलापूर्ति से लोग पानी के लिए तरस रहे हैं। मीठे पानी का आखिरी बार स्वाद कब चखा था, रहवासियों को यह भी याद तक नहीं है।
जूनाकोट के रहवासियों ने शनिवार को बताया कि खारे पानी की आपूर्ति तो ठीक ठाक हो रही है, लेकिन दो माह से मीठा पानी सप्लाई नहीं हुआ। वहीं दूसरी तरफ क्षेत्र के गांवों में भी हालत ठीक नहीं है। लोग पानी खरीद प्यास बुझाने को मजबूर हैं।
सिवाना : सप्ताह में एक बार पानी
सिवाना। सप्ताह के अंतराल में कम दबाव से की जा रही जलापूर्ति पर ग्रामीण व पशुपालक परेशान हैं। कस्बे के भीतरी व बाहरी वार्डों में एक दर्जन जीएलआर सूख गए हैं। वहीं कम प्रेशर से टंकियों में पानी नहीं पहुंच रहा है। ग्राम पंचायत कुशीप, मायलावास, नाल, थापन, मुठली, इन्द्राणा, मवड़ी, नीबेश्वर गांव, हरमलपुरा आदि गांवों के नलकूपों का जल स्तर पैंदे बैठ गया है।
कब होगी सप्लाई
क्षेत्र के कई गांवों में सप्ताह अंतराल में कम समय व कम दबाव में जलापूर्ति की जाती है। पशुपालकों की हालत खस्ता है।
हुकमसिंह खीची, पूर्व उप प्रधान
पचपदरा : चार से सात दिन में जलापूर्ति
कस्बे में पुरानी बिछी पेयजल लाइन जगह-जगह से चॉक है। अभी तक नई लाइन का कार्य पूरा नहीं हुआ है। जल वितरण व्यवस्था सुधारने के लिए शुरू किया गया ओवरहैड टैंक का निर्माण पूरा नहीं हो पाया है। कस्बे में करीब 4 दिन के अंतराल में जलापूर्ति की जा रही है। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में सप्ताह अंतराल में जलापूर्ति की जा रही है।
कल्याणपुर : योजना का कार्य अधूरा
कल्याणपुर। कस्बे सहित क्षेत्र के गांवों में बिगड़ी जल वितरण व्यवस्था से आमजन परेशान हैं। तीन से चार दिन के अंतराल में कम दबाब में कम समय के लिए जलापूर्ति की जाती है। छह वर्ष पहले मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने उम्मेदसागर-धवा-कल्याणपुर पेयजल योजना का शिलान्यास किया था, लेकिन अभी तक कार्य पूरा नहीं हो पाया है।
खारा पानी खरीदना मजबूरी
खारे पानी की आपूर्ति ठीक ठाक हो रही है, लेकिन मीठे पानी की आपूर्ति हुए कई माह बीत गए हैं। पानी इतना खारा है कि हलक से नीचे उतारना मुश्किल है।
हुलास बाफना