उन्होंने कहा कि प्रत्येक तबादले की कीमत फिक्स कर रखी है। जैसा पद है, वैसी ही कीमत अधिकारी-कर्मचारियों से वसूल की जा रही है। विधायक शर्मा ने सरकार के तबादला नीति को तबादला उद्योग करार दिया है। कांग्रेस अपने मूल सिद्धांतों से भटक चुकी है। कांग्रेस ने अपने सिद्धांतों से समझौता कर लिया है। लगता है कांग्रेस पैसों के लिए कुछ भी कर सकती है। उन्होंने कहा कि पहले कांग्रेस के विधायक सोचते थे कि सरकार कांग्रेस की है या नहीं। कांग्रेस के विधायकों की आपत्ति के बाद विधायकों को राजी करने के लिए तबादलों से बैन हटाया गया। लेकिन बैन हटने के बाद प्रदेश में लगता है, अब तबादला उद्योग शुरू हो गया है।
चौमूं विधानसभा क्षेत्र का उदाहरण देते हुए शर्मा ने कांग्रेस पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा जिस तरह से चौमूं में पहले अवैध निर्माण को नगरपालिका बंद करवाती है, बाद में उनसे वसूली करने के बाद धड़ल्ले से अवैध निर्माण चलते हैं। इतना ही नहीं उन्होंने कहा हर काम की रेट फिक्स हो चुकी है। प्रदेश में जो गोरखधंधा चल रहा है वह अनुचित है। सत्ता का अभिमान करने की जरूरत नहीं है, सत्ता यूं ही आती है और यूं ही चली जाती है।