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जयपुर

दागी उम्मीदवारः सुप्रीम कोर्ट के प्रयास, राजनीतिक दलों की उलटी चाल

दागियों को चुनाव लड़ने से रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 14 माह पहले जो निर्देश दिए, वे 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव में बेअसर से दिख रहे हैं।

जयपुरApr 17, 2021 / 02:54 pm

Kamlesh Sharma

Tainted candidate Supreme Court Political parties

दागियों को चुनाव लड़ने से रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 14 माह पहले जो निर्देश दिए, वे 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव में बेअसर से दिख रहे हैं।

जयपुर। दागियों को चुनाव लड़ने से रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 14 माह पहले जो निर्देश दिए, वे 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव में बेअसर से दिख रहे हैं। राजनीतिक दलों ने जिताऊ बताकर कई दागियों को चुनाव मैदान में उतारा है। पांच राज्यों की 752 विधानसभा सीटों पर 1404 उम्मीदवार दागी हैं। इनमें से 834 पर तो गम्भीर आरोप लगे हैं। इर राज्यों में 330 विधानसभा सीटों ऐसी हैं, जहां 3 या इससे अधिक उम्मीदवार दागी हैं।
पश्चिम बंगाल, केरल, असम, तमिलनाडु व पुडुचेरी विधानसभा चुनाव के 7761 उम्मीदवारों के शपथ पत्रों के विश्लेषण में यह तस्वीर सामने आई है। पश्चिम बंगाल के 6 चरणों के उम्मीदवार इस पड़ताल में शामिल हैं। सबसे गंभीर स्थिति पश्चिम बंगाल और केरल में है। वहां अन्य 3 राज्यों के मुकाबले मुकदमे में फंसे अधिक प्रत्याशियों के टिकट दिए गए हैं। पश्चिम बंगाल में तो छठवें चरण तक लगभग 25 प्रतिशत उम्मीदवारों के खिलाफ किसी न किसी आरोप में मुकदमा दर्ज है।
पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव में दागी
राज्य———–सीट——-प्रत्याशी—–दागी———-गम्भीर आरोप वाले
पश्चिम बंगाल—-222——1565——-391————321
तमिलनाडु——234——-3998——466———–207
केरल———-140——–928——-355———-167
असम———126———946——-138————109
पुडुचेरी——-30———–324——–54————-28
पश्चिम बंगाल के आंकड़े छठवें चरण तक के हैं

आगे आए सुप्रीम कोर्ट
पहले राजनीतिक दल बाहुबलियों से बूथ कैप्चरिंग करवाते थे। जीतने की सम्भावना अधिक होने से राजनीतिक दल अब इन्हें ही टिकट देते हैं। जनता के पास विकल्प नहीं रहता और ये जीतते रहते हैं। रोकने का एक तरीका है, चुनाव से 6 माह या एक साल पहले 2 साल से अधिक सजा वाला मुकदमा दर्ज होने और चार्ज फ्रेम होने पर चुनाव लड़ने की इजाजक नहीं दी जाए। काम संसद का है लेकिन कानून बन नहीं रहा इसलिए सुप्रीम कोर्ट आदेश दे।
प्रो. जगदीप एस. छोकर, सह संस्थापक, एडीआर
आदेश दे रखे हैं
सुप्रीम कोर्ट जो कर सकता है वह आदेश दे रखे हैं। बाहुबली चुने जाते हैं, चुनाव में जाति-धर्म का प्रभाव है। उत्तरप्रदेश, दक्षिणी राज्यों व बिहार में जाति-धर्म का मुद्दा चलता है। स्थितियों को सुधारने में चुनाव आयोग की प्रमुख भुमिका हो सकती है। चुनाव के कानून बदले जाएं। चुनाव सुधार पर समग्र काम करना होगा।
मुकुंदकम शर्मा, पूर्व न्यायाधीश, सुप्रीम कोर्ट

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