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जयपुर

बच्चों में जगाइए पुस्तकें पढऩे का शौक

माता-पिता के लिए बच्चों को पढ़ाना या उनमें पढ़ाई की आदत डालना आसान नहीं होता है। हर माता-पिता चाहते भी हैं कि उनके बच्चों में किताबें पढऩे की आदत हो चाहे वे किताबें उनके पाठ्यक्रम की हों या फिर उनके किसी शौक से जुड़ी। बच्चों में बचपन से ही किताबें पढऩे की आदत विकसित की जा सकती है। पढऩे की आदत आगे चलकर उनके व्यक्तित्व विकास और ज्ञान के लिए बेहतर स्रोत साबित होती है।

जयपुरSep 08, 2019 / 01:57 pm

Chand Sheikh

बच्चों में जगाइए पुस्तकें पढऩे का शौक

बच्चों में जगाइए पुस्तकें पढऩे का शौक

फोटो-ग्राफिक्स
आप अपने बच्चों के लिए चित्र, ग्राफिक्स और रंगों से जुड़ी किताबें लाएं। वे किताबों के प्रति आकर्षित होंगे। अलग-अलग रंग, डिजाइन, खूबसूरत आकर्षक चित्र, समझाने के लिए बनाए गए ग्राफिक्स आदि से बच्चे इनमें अधिक दिलचस्पी लेते हैं। यह दिलचस्पी उन्हें पुस्तकों से जोड़ेंगी और किताबों को लेकर उनमें उत्सुकता और सकारात्मक नजरिया बनेगा।
साथ में खुद पढें
बच्चों के साथ माता-पिता वह किताब खुद भी पढ़ते हैं तो बच्चे इसमें अधिक दिलचस्पी लेते हैं। आप उन्हें पढऩे दें और उनके साथ बैठकर खुद भी पढ़ें। ध्यान दें और बच्चे के गलत पढऩे पर उसमें सुधार करें। ऐसा करने पर बच्चे किताबें पढऩे में रूचि लेंगे।
बच्चों का नजरिया
बच्चे जो किताबें पढ़ रहे हैं उनके बारे में आपको बच्चों की राय लेना चाहिए। आप बच्चों से पूछें कि पिछली पुस्तक जो उन्होंने पढ़ी है, उसमें उन्हें क्या अच्छा लगा और क्या बुरा लगा। पुस्तक के बारे में बच्चों की राय लेने पर जहां उनकी पढऩे में दिलचस्पी बढ़ेगी वहीं उनकी राय रखने की आदत बनेगी। वे अपनी राय और रूचि को खुलकर आपके सामने रख सकेंगे। उनकी पसंद के विषय सामने आएंगे।
बच्चों की दिलचस्पी
बच्चों में पढऩे की आदत डालने के लिए ध्यान रखने वाली बात यह है कि उन्हें सीधे-साधे विषय की किताबें दी जाए। उनके लिए यह पढऩा मुश्किल और परेशानी पैदा करने वाला न हो। उनकी विषयों की दिलचस्पी का भी जरूर ध्यान रखें। वे किताबें उन्हें दें जो वे पढऩा चाहते हैं।
उन्हें लाइब्रेरी ले जाएं
अपने बच्चे को आप लाइब्रेरी ले जाते हैं तो यह भी बच्चे के मन में पुस्तकों के प्रति दिलचस्पी पैदा करने का एक बेहतर तरीका है। उन्हें लाइब्रेरी ले जाएं और दिखाएं कि देखो यहां पर कितनी ढेर सारी किताबें होती हैं। जरूरी नहीं कि आप वहां उसे बैठाकर पढ़ाएं लेकिन लाइबे्ररी जाने से वह किताबों की दुनिया और पढऩे वालों से रूबरू होगा तो उसके दिल में भी पुस्तकें और उनको पढऩे के प्रति आकर्षण पैदा होगा।
उपहार में दें पुस्तकें
आप विभिन्न मौकों पर अपने बच्चों को उपहार देते हैं। उनके जन्मदिन, बेहतर रिजल्ट या ऐसे ही अन्य किसी अवसर पर आप अपने बच्चों को गिफ्ट में पुस्तकें दें। गिफ्ट में मिली पुस्तकों में वे दिलचस्पी लेंगे और ऐसे में उनकी पढऩे की आदत बनेगी।
पत्र-पत्रिकाएं
बच्चों में पढऩे की आदत विकसित करने में माता-पिता अहम भूमिका अदा कर सकते हैं। उन्हें चाहिए कि वे अपने बच्चों को विभिन्न मौकों पर पढऩे के लिए प्रेरित करें। जब जहां जिस तरह का मौका मिले उनमें इसकी दिलचस्पी पैदा करें। उनमें समाचार पत्र, पत्रिकाओं और कॉमिक्स के प्रति रूचि जगाएं। किसी पैंकिंग पर कुछ लिखा हो तो उसको भी बच्चों के सामने रखकर इसे पढऩे के लिए कह सकते हैं।
आसानी से उपलब्ध
बच्चे उम्र के हिसाब से कुछ सुस्त या आराम पसंद होते हैं। ऐसे में आप कोशिश करें कि बच्चों की किताबें उन्हें आसानी से उपलब्ध हो। उन्हें ऐसी जगह रखें ताकि वह उनकी नजरों में रहे और आसानी से इसे ले लें। किताब की साइज व डिजाइन भी इन्हें लुभाएं।

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