शिक्षा विभाग के आदेश से गफलत, शिक्षकों के आक्रोश के बाद मंत्री को देनी पड़ी सफाई
शिक्षकों द्वारा बच्चों के घर जाकर उनके मल नमूने लाने के निर्देश पर शिक्षकों में आक्रोश था, जिसके बाद शिक्षा मंत्री ( ( Education Minister Govind Singh Dotasara ) ) ने साफ किया कि शिक्षकों को ये काम नहीं करना होगा।
शिक्षा विभाग के आदेश से गफलत, शिक्षकों के आक्रोश के बाद मंत्री को देनी पड़ी सफाई
जयपुर। शिक्षा राज्य मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा ( Education Minister Govind Singh Dotasara ) ने सोमवार को यह साफ कर दिया है कि शिक्षकों को घर-घर जाकर बच्चों के मल के नमूने लाने की बात सही नहीं है। विभाग का कोई भी कर्मचारी यह काम नहीं करेगा। उन्होंने स्पष्ट किया है कि सरकार का चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग अपने स्तर पर यह कार्य करेगा। शिक्षामंत्री डोटासरा ने स्पष्ट किया है कि इस संबंध में प्रसारित आदेशों को गलत ढंग से समझा गया है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों का कार्य अभिभावकों को छात्रों के स्वास्थ्य हित के इस कार्य में जांच के लिए प्रेरित करने का है ताकि किसी स्तर पर नमूने लेने वालों को कोई बाधा नहीं आए। शिक्षामंत्री ने राज्य के सभी शिक्षकों को गुरू पूर्णिमा ( guru purnima 2019 ) की शुभकामनाएं दी हैं।
गौरतलब है कि सरकारी स्कूलों ( Government schools rajasthan ) में पढऩे वाले बच्चों के पेट में कीड़े ( worms in stomach ) की जांच के लिए मल के नमूने लिए जाने के निर्देश जारी किए गए थे। यह नमूने लेने के लिए शिक्षकों ( Rajasthan Government Teachers ) को बच्चों के घर जाने की बात निर्देश में थी। इसमें ये भी कहा गया था कि सैंपल लेने के साथ ही शिक्षकों को इसके लिए बच्चों के माता-पिता की भी सहमति लेनी होगी। इस संबंध में शुक्रवार को राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद् के राज्य समन्वयक ने जिला शिक्षा अधिकारियों के नाम निर्देश जारी किए थे। जिसमें शिक्षकों को स्कूल में पढऩे वाले 50-50 बच्चों के मल की जांच के निर्देश दिए गए थे। इसके नमूने उन्हें स्वयं बच्चों के घर से लाने थे। इसके बाद उसकी जांच होनी थी। बता दें इस कार्य में डिवर्म द वल्र्ड इनिशिएटिव संस्थान सहयोग करेंगी। हालांकि सर्वे का कार्य 5 जुलाई से शुरू हो जाना था, लेकिन हुआ विरोध के चलते हुआ नहीं। बता दें, छोटे बच्चों के पेट में कीड़े की समस्याएं अमूमन देखी जाती हैं। इसे ध्यान में रखते हुए यह पहल शुरू की गई है।
इन जिलों में दिए गए थे आदेश – बाड़मेर, जोधपुर, बीकानेर, नागौर, जालौर, अजमेर, जयपुर, भरतपुर, राजसमंद, प्रतापगढ़, बारां, सवाईमाधोपुर, गंगानगर, जैसलमेर, झुंझुनूं, सीकर, पाली, दौसा, टोंक, अलवर, भीलवाड़ा, उदयपुर, बांसवाड़ा, बूंदी व कोटा। इधर शिक्षकों में आक्रोश, बोले, पढाएं या नमूना लाएं इस मामले को लेकर शिक्षकों में आक्रोश उत्पन्न हो गया। उनका कहना था कि शिक्षक पढ़ाने के लिए बच्चे के नमूना लेने का भी काम कैसे करेंगे। वहीं राजस्थान प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षक संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष विपिन शर्मा ने कहा कि कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार शिक्षकों को किसी भी गैर शैक्षणिक कार्य में नहीं लगा सकते हैं। हालांकि अब शिक्षामंत्री ने साफ कर दिया है कि शिक्षकों को बच्चों के घर जाकर नमूने नहीं लाने होंगे।
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