मददगार बनी इस दंपत्ति की जागरूकता से दोनों भाई-बहन को सकुशल परिजन तक पहुंचा गया। दम्पती को किशोर व किशोरी ने खुद को भाई-बहन बताया और कहा कि खाटूश्यामजी में परिजन से बिछड़ गए। परिजन के मोबाइल नंबर भी नहीं जानते और पैसे भी नहीं है।
शक होने पर किशोर के पिता से की बात
छोटी खाटू निवासी पुष्पा और उनके पति चन्द्रशेखर पारीक ने बताया कि 16 अप्रेल दोनों दिल्ली से खाटूश्यामजी आ गए थे। परिजन से बिछड़ने की बात पर उन्हें अपने पास रख लिया था। बाद में शक होने पर किशोर के पिता से बात की। उनके कहने पर पुष्पा दोनों को जयपुर जंक्शन छोड़ने आई और सदर थाना पुलिस के सुपुर्द कर गई।